नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की अहम बैठक के दौरान बड़ा ऐलान किया गया। डोभाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट 2025 में शामिल होने के लिए जल्द ही चीन का दौरा करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक नई सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
सीमा पर शांति और सहयोग
अजीत डोभाल ने बैठक में कहा:
- सीमा पर हालात शांत और स्थिर हैं।
- शांति और सद्भाव कायम है।
- भारत-चीन के द्विपक्षीय रिश्ते और मजबूत हुए हैं।
उन्होंने पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात का भी जिक्र किया और कहा कि उस बातचीत से दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा मिली।
वांग यी का बयान
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में भारत-चीन संबंधों में उतार-चढ़ाव दोनों देशों के हित में नहीं थे। साथ ही, उन्होंने कज़ान मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उस बैठक ने सीमा विवाद के समाधान और बेहतर द्विपक्षीय सहयोग का रास्ता खोला।
SCO समिट 2025 का शेड्यूल
- स्थान: तिआनजिन, चीन
- तारीखें: 31 अगस्त – 1 सितंबर 2025
- विशेषताएं:
- पीएम मोदी सात साल बाद चीन जाएंगे।
- यह यात्रा 2020 के गलवान संघर्ष के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी।
- SCO समिट में रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के शीर्ष नेता शामिल होंगे।
- इस बार SCO की अध्यक्षता चीन कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा भारत-चीन संबंधों के लिए अहम साबित हो सकता है। सीमा पर शांति और स्थिरता के संदेश के साथ यह यात्रा न केवल SCO देशों के बीच सहयोग बढ़ाएगी, बल्कि दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में भी नई शुरुआत का संकेत दे रही है।





