BY: Yoganand Shrivastva
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति और बदलाव का प्रतीक रहा है, और यह समय भारत की नई प्रगति का गवाह बन रहा है।
कर्तव्य भवन: सिर्फ इमारत नहीं, एक संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बीते वर्षों में देश ने कर्तव्य पथ, नया संसद भवन, रक्षा मंत्रालय भवन, भारत मंडपम, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और अब कर्तव्य भवन जैसी अनेक महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण किया है। उन्होंने कहा, “ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं, ये वो स्थान हैं जहां से विकसित भारत के लिए नीतियां तय होंगी, निर्णय लिए जाएंगे और देश की दिशा तय होगी।”
उन्होंने बताया कि कर्तव्य भवन का नाम भी सोच-समझकर चुना गया है, जो भारतीय संविधान और लोकतंत्र के मूल मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
कर्तव्य का गहरा भारतीय अर्थ
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कर्तव्य’ भारतीय संस्कृति का केंद्रीय मूल्य है, जो केवल दायित्व नहीं, बल्कि आत्मबलिदान और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने इसे “तपोभूमि” कहा – वह स्थान जहां करोड़ों भारतीयों के सपनों को आकार मिलेगा। उनके शब्दों में, “कर्तव्य एक भावना है, एक प्रेरणा है, जो मां भारती की ऊर्जा को आगे बढ़ाती है।”
आधुनिक भारत के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
पीएम मोदी ने बताया कि 21वीं सदी के भारत को वह सुविधाएं चाहिए जहां कार्य कुशलता, पारदर्शिता और गति को प्राथमिकता दी जाए। इसी सोच के तहत कर्तव्य पथ क्षेत्र में अनेक आधुनिक भवन बनाए जा रहे हैं, जिनमें यह पहला पूर्ण हुआ भवन है।
उन्होंने कहा कि कर्तव्य भवन-3 को पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है – इसमें रूफटॉप सोलर पैनल लगाए गए हैं और ऊर्जा दक्षता का विशेष ध्यान रखा गया है।
पुरानी व्यवस्था की चुनौतियां और समाधान
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक भारत सरकार के कई मंत्रालय दिल्ली में 50 से ज्यादा अलग-अलग स्थानों से संचालित हो रहे थे, जिनमें से अधिकतर किराए पर चल रहे हैं। इससे हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये का व्यय केवल किराए पर होता था।
इन नई इमारतों के निर्माण से न केवल लागत में कटौती होगी, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी। इससे विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालय एक-दूसरे के निकट होंगे, जिससे समन्वय और कार्यगति में सुधार आएगा।
हर कोना विकास की मुख्यधारा में
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार एक समग्र दृष्टिकोण के साथ देश के हर क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि:
- देश में अब तक 30,000 से ज्यादा पंचायत भवन बनाए जा चुके हैं।
- 4 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पक्के मकान दिए गए हैं।
- 300 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज बने हैं।
- 1300 से ज्यादा अमृत भारत रेलवे स्टेशन विकसित हो रहे हैं।
- 90 नए एयरपोर्ट देशभर में कार्यरत हैं या निर्माणाधीन हैं।
कर्तव्य और अधिकार का संतुलन
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, “कर्तव्य और अधिकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।” उन्होंने कहा कि जब सरकार अपने कर्तव्यों को जिम्मेदारी से निभाती है, तो उसका प्रभाव सुशासन के रूप में सामने आता है।
उन्होंने कहा, “पिछला एक दशक भारत में सुशासन का दशक रहा है। हम कर्तव्य को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रहे हैं, और यही नई भारत की पहचान बनेगी।”