74 वर्षीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यकाल के बीच अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को त्यागपत्र भेजा। इससे पहले दो उपराष्ट्रपतियों ने भी कार्यकाल के दौरान पद छोड़ा था।
स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा: राष्ट्रपति को लिखा भावुक पत्र
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र में कहा:
“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”
धनखड़ ने यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत दिया है। हाल ही में AIIMS दिल्ली में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी, और मार्च 2025 में उन्हें कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
तीसरे उपराष्ट्रपति जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ा पद
धनखड़ भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस्तीफा दिया है। इससे पहले—
- वी.वी. गिरि (1969) – राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया।
- भैरों सिंह शेखावत (2007) – चुनाव में हार के बाद पद छोड़ा।
इनके अलावा कुछ उपराष्ट्रपतियों ने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भी इस्तीफा दिया, जैसे—
- आर. वेंकटरमन
- शंकर दयाल शर्मा
- के.आर. नारायणन
जबकि कृष्णकांत ऐसे पहले उपराष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ था।
संसद सत्र से ठीक पहले आया इस्तीफा
धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जो राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम समय था। अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था। उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में भी भूमिका निभाई।
इस दौरान विपक्ष से कई बार उनका टकराव हुआ, यहां तक कि महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।
विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (Twitter) पर कहा:
“धनखड़ का इस्तीफा चौंकाने वाला और असमझनीय है। मंगलवार को उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक रखी थी और न्यायपालिका से जुड़ी बड़ी घोषणाएं होनी थीं।”
उन्होंने इस अचानक हुए फैसले पर सवाल उठाए हैं।
अब क्या होगा? उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
भारत के संविधान के अनुसार:
- उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद 6 महीने के भीतर चुनाव कराना जरूरी है।
- तब तक राज्यसभा के उपसभापति सदन की कार्यवाही संभालते हैं।
एक अहम फैसला, जिसका असर राजनीति पर दिखेगा
धनखड़ का यह कदम केवल स्वास्थ्य कारणों तक सीमित नहीं लगता। समय, सत्र की शुरुआत और विपक्ष की प्रतिक्रिया इस इस्तीफे को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बना रही है। अब निगाहें राष्ट्रपति और चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर हैं।