दक्षिण भारतीय फिल्म जगत ने एक और दिग्गज कलाकार को खो दिया है। मशहूर तमिल फिल्म निर्माता, सिनेमैटोग्राफर और अभिनेता वेलु प्रभाकरन का शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 की सुबह निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। चेन्नई के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
लंबे समय से चल रही थी बीमारी
परिवार के अनुसार, वेलु प्रभाकरन पिछले कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। आखिरकार 18 जुलाई को सुबह उनका निधन हो गया।
वेलु प्रभाकरन का फिल्मी सफर
वेलु प्रभाकरन का करियर एक सिनेमैटोग्राफर के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने निर्देशन और अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
प्रमुख फिल्में:
- नालया मणिथन (1989) – डायरेक्शन डेब्यू
- अधिसाया मणिथन (1990) – पहली फिल्म का सीक्वल
- कधल कढ़ाई (2009) – रोमांटिक ड्रामा, सबसे चर्चित फिल्म
- ओरु इयाक्कुनारिन कधल डायरी (2017) – अंतिम निर्देशित फिल्म
एक्टिंग में भी जमाया था रंग
2019 के बाद वेलु ने बतौर अभिनेता भी काम किया। उन्हें इन फिल्मों में देखा गया:
- गैंग्स ऑफ मद्रास
- कैडेवर
- रेड
- वेपन
- अप्पू VI STD
- गजाना (2025) – उनकी आखिरी फिल्म
अंतिम संस्कार और पारिवारिक जानकारी
वेलु प्रभाकरन का पार्थिव शरीर 20 जुलाई तक चेन्नई के वलसरवक्कम में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद रविवार शाम को उनका अंतिम संस्कार पोरुर श्मशान घाट पर किया जाएगा।
पारिवारिक जीवन
वेलु की पहली शादी अभिनेत्री-निर्देशक जयदेवी से हुई थी। कई सालों बाद दोनों अलग हो गए।
2017 में उन्होंने अभिनेत्री शर्ली दास से शादी की थी, जो उनकी फिल्म कधल कढ़ाई में भी नजर आई थीं।
क्यों था वेलु प्रभाकरन खास?
- उन्होंने कई विवादित लेकिन प्रयोगात्मक फिल्में बनाई थीं जो साउथ इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बनीं।
- उनके निर्देशन की शैली यथार्थ और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित रहती थी।
- उन्होंने तकनीकी रूप से तमिल सिनेमा को नया दृष्टिकोण दिया।
वेलु प्रभाकरन का जाना तमिल सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। फैंस और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।