भोपाल:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल कलाम ने अपनी असली पहचान छिपाकर किन्नर ‘नेहा’ बनकर वर्षों तक शहर में जीवन बिताया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे वह खुद को भारतीय बताकर भोपाल की सड़कों पर बेधड़क घूम रहा था।
वर्षों से छिपकर रह रहा था ‘नेहा’ बनकर
इंटेलिजेंस यूनिट की सतर्कता के चलते अब्दुल कलाम की पहचान उजागर हुई है। वह कई सालों से बुधवारा इलाके में नेहा नाम से रह रहा था और किन्नर के रूप में समाज के बीच घुल-मिल गया था।
- असली नाम: अब्दुल कलाम
- फर्जी नाम: नेहा किन्नर
- नागरिकता: बांग्लादेश
- क्षेत्र: बुधवारा, भोपाल
- गिरफ्तारी: तलैया थाना पुलिस द्वारा
फर्जी पहचान पत्र बनवाकर बना ‘भारतीय’
अब्दुल कलाम ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड व अन्य पहचान दस्तावेज बनवाकर भारतीय नागरिक होने का दावा किया। इन दस्तावेजों की सहायता से वह सरकारी और निजी सुविधाओं का लाभ ले रहा था।
👉 सवाल यह है कि आखिर उसे ये दस्तावेज कैसे मिल गए?
👉 किसकी मिलीभगत से इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव हो सकी?
डिपोर्ट की तैयारी, कड़ी सुरक्षा में हिरासत
अब्दुल को गिरफ्तार कर तलैया थाने में रखा गया है। उसकी सुरक्षा के लिए दो महिला आरक्षकों की तैनाती की गई है, क्योंकि वह खुद को महिला बताता है और उसका पहनावा व हावभाव भी स्त्रियों जैसे हैं।
- मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स की जांच चल रही है
- उसके संपर्क में आए लोगों से भी पूछताछ
- क्राइम ब्रांच और सायबर सेल कर रही है छानबीन
- केंद्रीय एजेंसियों को भी सूचना भेजी गई है
महिला भेष बनाकर बचता रहा जांच एजेंसियों से
इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार, अब्दुल कलाम कई बार राजधानी में महिला किन्नर के रूप में घूमता दिखाई दिया था। इसी वेश में वह सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचा रहा।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस सूत्रों ने बताया:
- “वह पुरुष है, लेकिन महिला की तरह रह रहा था।”
- “पूछताछ बेहद गोपनीय तरीके से की जा रही है।”
- “उसके अन्य साथियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।”
अधिकारियों की चुप्पी
पूरे मामले पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही सार्वजनिक जानकारी साझा की जाएगी।