भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम सामने आया है। Kaynes Electronics Manufacturing Pvt Ltd (KEMPL) ने भोपाल में ₹352 करोड़ यानी लगभग 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की है।
यह फैक्ट्री भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 5 एकड़ जमीन पर बनाई जाएगी और इसमें 1000 से अधिक कुशल नौकरियों का सृजन होगा। इसका निर्माण कार्य 2025 में शुरू होकर 2026 के मध्य तक उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य है।
मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025 के अंतर्गत निवेश
यह निवेश राज्य सरकार की सेमीकंडक्टर नीति 2025 का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य तकनीकी कंपनियों को मध्य प्रदेश में आकर्षित करना है। इस नीति के तहत Kaynes को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षण, और टैक्स सब्सिडी जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी।
“यह यूनिट हमारे ग्राहकों की मांग को पूरा करने के साथ-साथ भारत की मैन्युफैक्चरिंग ताकत को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगी,”
— रघु पनिक्कर, CEO, Kaynes Technology India Ltd
फैक्ट्री में क्या-क्या बनेगा?
भोपाल की यह यूनिट अत्याधुनिक Surface Mount Technology (SMT) लाइनों से लैस होगी, जिनकी मदद से कई इंडस्ट्री के लिए हाई-प्रिसिजन इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स तैयार किए जाएंगे:
- ऑटोमोटिव
- एयरोस्पेस और डिफेंस
- मेडिकल टेक्नोलॉजी
- IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स)
- इंडस्ट्रियल मशीनरी
- स्पेस टेक्नोलॉजी
Kaynes वर्तमान में देशभर में 8 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स चला रही है, और यह भोपाल यूनिट इसकी 9वीं और सबसे आधुनिक यूनिट होगी।
भोपाल क्यों चुना गया? जानें इसकी रणनीतिक अहमियत
भोपाल को एक उभरता हुआ टेक्नोलॉजी केंद्र माना जा रहा है। Kaynes द्वारा यहां निवेश के पीछे ये मुख्य कारण हैं:
- भारत के केंद्र में स्थित — लॉजिस्टिक लागत में कमी
- कुशल इंजीनियरिंग टैलेंट की उपलब्धता
- बड़वई आईटी पार्क जैसी उन्नत अधोसंरचना
- सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को मिल रही सब्सिडी
इन वजहों से भोपाल मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों में अहम भूमिका निभा सकता है।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र: आंकड़े और संभावनाएं
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है, और Kaynes का यह प्रोजेक्ट इस विकास को और रफ्तार देगा।
Invest India के अनुसार:
- भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार 2026 तक $300 बिलियन को पार कर सकता है
- घरेलू निर्माण से 65% से ज्यादा डिमांड पूरी की जा रही है
- सरकार का लक्ष्य है भारत को एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाना
क्या मिलेगा इस निवेश से मध्य प्रदेश और देश को?
इस फैक्ट्री का लाभ केवल रोजगार तक सीमित नहीं है। आइए देखें इसका व्यापक प्रभाव:
| क्षेत्र | लाभ |
|---|---|
| रोजगार | 1000+ इंजीनियर्स और टेक्निकल नौकरियां |
| स्किल डेवलपमेंट | युवाओं को ट्रेनिंग और हाई-टेक एक्सपोजर |
| निर्यात | भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स का वैश्विक निर्यात |
| टेक्नोलॉजी | वैश्विक मानकों वाली मैन्युफैक्चरिंग सुविधा |
यह सब मिलकर मध्य प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के राष्ट्रीय नक्शे पर लाकर खड़ा करेगा।
आगे क्या? Kaynes का भविष्य और विस्तार योजनाएं
भोपाल यूनिट के साथ Kaynes अब भारत में अपने टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत करने की दिशा में है। साथ ही:
- R&D में विस्तार
- ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए स्पेशलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक समाधान
- निर्यात-उन्मुख प्रोडक्शन
इस प्रोजेक्ट से Kaynes न केवल एक कंपनी के रूप में, बल्कि भारत के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरेगा।
मप्र से लेकर वैश्विक मंच तक भारत की छलांग
Kaynes का यह ₹352 करोड़ का निवेश भारत के मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और रोजगार क्षेत्र में बड़ी छलांग है। इस कदम से न केवल राज्य में औद्योगिक विकास होगा, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता भी मजबूत होगी।





