एक पुरानी यहूदी लोककथा के अनुसार, एक रब्बी ने मिट्टी से एक रक्षक राक्षस बनाया—गोलम। उसका उद्देश्य था यहूदियों की रक्षा करना, लेकिन जल्द ही वह बेकाबू होकर तबाही मचाने लगा। अंततः रब्बी को मजबूरी में अपने ही बनाए हथियार को खत्म करना पड़ा। आज, अमेरिका की राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप खुद उस रब्बी की भूमिका में नजर आ रहे हैं—लेकिन इस बार ‘गोलम‘ का नाम है Jeffrey Epstein conspiracy।
ट्रंप और एपस्टीन: एक साजिश जो उलटी पड़ गई
डोनाल्ड ट्रंप का राजनीतिक करियर अक्सर षड्यंत्र सिद्धांतों (Conspiracy Theories) पर आधारित रहा है—चाहे वो ओबामा का जन्म प्रमाणपत्र हो या 2020 के चुनाव में धांधली के दावे। 2024 के चुनाव में उन्होंने एक और हथियार निकाला: जेफरी एपस्टीन।
ट्रंप ने वादा किया कि वह Epstein केस की फाइलें सार्वजनिक करेंगे और ‘Deep State’ का पर्दाफाश करेंगे। लेकिन अब यही वादा, उनके लिए एक उलझन बन चुका है।
जेफरी एपस्टीन मामला: सच्चाई या राजनीति?
जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी अरबपति फाइनेंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और सेक्स ट्रैफिकिंग का आरोप था। 2019 में जेल में उसकी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया।
लेकिन उसकी मौत और शक्तिशाली दोस्तों की लिस्ट को लेकर साजिश की कहानियाँ सालों से चलती आ रही हैं। ट्रंप ने इस मुद्दे को 2024 में अपने चुनाव प्रचार का हिस्सा बना लिया।
“मैं Epstein फाइल्स को डी-क्लासिफाई करूंगा,” ट्रंप ने वादा किया।
लेकिन जब पत्रकारों ने सटीक सवाल पूछा, तो ट्रंप झिझकते नजर आए। उन्होंने कहा, “फाइल्स में बहुत कुछ गलत और अफवाह है, जिससे लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हो सकती है।”
MAGA मूवमेंट और टूटता भरोसा
‘MAGA’ (Make America Great Again) समर्थकों के लिए एपस्टीन फाइल्स एक उम्मीद थी। लेकिन जुलाई 2025 में ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि “ऐसी कोई क्लाइंट लिस्ट है ही नहीं और एपस्टीन की मौत आत्महत्या ही थी।”
ट्रंप के लंबे समय से सहयोगी अब सवाल उठा रहे हैं:
- Tucker Carlson ने कहा कि एपस्टीन Mossad (इजरायली खुफिया एजेंसी) के लिए काम करता था।
- Elon Musk ने आरोप लगाया कि ट्रंप खुद भी Epstein की लिस्ट में शामिल हैं।
- Steve Bannon ने चेतावनी दी कि “MAGA का 10% हिस्सा खो गया तो ट्रंप 2026 में राष्ट्रपति पद भी खो सकते हैं।”
ट्रंप बनाम ट्रंप समर्थक: पहली बगावत
ट्रंप समर्थकों ने Truth Social पर विरोध जताया। कुछ कहने लगे कि ट्रंप अब ‘Deep State’ को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। एक समय ट्रंप को भगवान मानने वाले समर्थकों को अब उनमें एक ‘झूठा नेता’ दिख रहा है।
“हमें लिस्ट चाहिए, न कि बहाने,” ट्रंप समर्थकों की एक मांग बन चुकी है।
प्रशासन में दरार: पम बॉन्डी बनाम डैन बोंगिनो
FBI के डिप्टी डायरेक्टर डैन बोंगिनो ने एपस्टीन मामले को दबाए जाने पर नाराजगी जताई है और नौकरी छोड़ने तक की बात की। दूसरी ओर, अटॉर्नी जनरल पम बॉन्डी को ट्रंप का समर्थन मिल रहा है।
इस मामले ने ट्रंप प्रशासन को पहली बड़ी चुनौती दे दी है। खुद ट्रंप को सोशल मीडिया पर सफाई देनी पड़ रही है, लेकिन अब यह सफाई समर्थकों को और भड़का रही है।
अंतरराष्ट्रीय असर: इजराइल भी निशाने पर
Tucker Carlson ने दावा किया कि एपस्टीन Mossad के लिए काम करता था। इस दावे ने इजराइल और अमेरिका के संबंधों में भी हलचल मचा दी। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने आरोपों को “झूठ की साजिश” कहा।
एक कहानी जो खत्म नहीं होती
डोनाल्ड ट्रंप, जिनकी राजनीति ही साजिशों और ‘Deep State’ के डर पर टिकी थी, आज उन्हीं आरोपों में घिर गए हैं। समर्थक अब ट्रंप पर शक कर रहे हैं। मांग कर रहे हैं कि अगर कुछ नहीं छिपाया जा रहा तो Epstein फाइल्स को पब्लिक किया जाए।
लेकिन ट्रंप इससे दूरी बना रहे हैं। यही विरोधाभास अब उनके लिए खतरे की घंटी है।
निष्कर्ष: ट्रंप की सबसे बड़ी सियासी परीक्षा
ट्रंप के लिए यह एक चक्रव्यूह बन चुका है, जिसे उन्होंने खुद ही रचा था। अब वही समर्थक, जिन्होंने उन्हें सत्ता तक पहुंचाया, उनसे जवाब मांग रहे हैं।
क्या ट्रंप Epstein साजिश से बाहर निकल पाएंगे या यह मुद्दा उनके राजनीतिक करियर का अंत बन जाएगा?





