घटना की हाइलाइट्स:
- मध्य प्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव में हुआ विवाद
- बीजेपी मंडल अध्यक्ष नीरज शर्मा ने BEO राजवीर शर्मा को थप्पड़ मारा
- घटना के समय राज्य मंत्री राकेश शुक्ला भी मौजूद थे
- बीईओ ने लगाए कई गंभीर आरोप – टेरर टैक्स और दबाव की बात
- वीडियो हुआ वायरल, कांग्रेस ने मांगी कार्रवाई
घटना का संक्षिप्त परिचय
13 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान शर्मनाक दृश्य देखने को मिला। मेहगांव स्थित सीएम राइज स्कूल में आयोजित “गुरुवंदन अभिनंदन” कार्यक्रम में, मंत्री राकेश शुक्ला की मौजूदगी में भाजपा के मंडल अध्यक्ष नीरज शर्मा ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) राजवीर शर्मा को सबके सामने थप्पड़ मार दिया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई।
वीडियो वायरल और भावुक प्रतिक्रिया
घटना के अगले दिन जब स्कूल स्टाफ और छात्रों ने बीईओ को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर भेंट की, तो वो भावुक हो गए और बच्चों के सामने फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा:
“अगर मेरा बेटा होता, तो इस अपमान का बदला जरूर लेता।”
छात्रों ने जवाब दिया – “हम सब आपके बेटे जैसे हैं।”
क्या था कार्यक्रम का उद्देश्य?
- यह कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया गया था।
- गुरुओं के सम्मान में यह आयोजन सीएम राइज स्कूल में हुआ था।
- मंच पर मंत्री राकेश शुक्ला, नीरज शर्मा और बीईओ राजवीर शर्मा तीनों मौजूद थे।
💥 थप्पड़ कांड का कारण क्या?
बीईओ राजवीर शर्मा के अनुसार, नीरज शर्मा लंबे समय से उन पर नियमों के खिलाफ काम करवाने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने आरोप लगाए कि:
- उनसे हर महीने ₹20,000 की “टेरर टैक्स” की मांग की जाती थी।
- कई बार उनसे बिना तारीख वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की गई।
- जब उन्होंने इनकार किया, तो मंच पर सार्वजनिक अपमान किया गया।
बीईओ बोले – CCTV फुटेज डिलीट करवा दी गई
राजवीर शर्मा ने कहा कि जब उन्होंने स्कूल प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगी, तो उन्हें बताया गया कि राजनीतिक दबाव के चलते वह फुटेज डिलीट करवा दी गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस और विपक्ष का बयान
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मान सिंह कुशवाह ने कहा:
“बीजेपी के लोग अब प्रशासन पर हाथ उठाने लगे हैं। ऐसे गुंडों पर तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अब ‘गुंडों की फौज’ तैयार कर रही है जो लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान नहीं करते।
अब क्या आगे?
इस घटना ने न सिर्फ प्रशासनिक मर्यादा को ठेस पहुंचाई है बल्कि शिक्षा विभाग में डर और आक्रोश दोनों पैदा किए हैं। अब देखना यह होगा कि:
- क्या बीजेपी इस मामले में कार्रवाई करती है?
- क्या शिक्षा विभाग अपने अधिकारी के साथ खड़ा होता है?
- और क्या सरकार इस घटना की निष्पक्ष जांच करवाती है?
निष्कर्ष
यह घटना दर्शाती है कि राजनीति में शक्ति का दुरुपयोग किस हद तक बढ़ चुका है। अगर सरकारी कार्यक्रमों में ही अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा? यह सिर्फ एक थप्पड़ नहीं था – यह एक अधिकारी के आत्मसम्मान और संविधानिक व्यवस्था पर हमला था। अब जिम्मेदारी जनता, मीडिया और सरकार तीनों की है कि दोषियों को सजा दिलाई जाए और सिस्टम में भरोसा कायम रखा जाए।