प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा के दौरान वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की तीन विशेष चीजें भेंट कीं—महाकुंभ और सरयू नदी का पवित्र जल, और अयोध्या श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति।
यह भेंट न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक थी, बल्कि भारतीय मूल के लोगों से जुड़े गहरे भावनात्मक रिश्तों को भी दर्शाती है।
महाकुंभ और सरयू का जल: आध्यात्मिकता की अमूल्य सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद के भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि:
“इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ हुआ। मुझे सौभाग्य मिला कि उसका पवित्र जल अपने साथ ला सका। मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे इसे यहां की गंगा धारा में अर्पित करें।”
यह जल न केवल भारतीय धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि विश्व भर में फैले प्रवासी भारतीयों के साथ एक आध्यात्मिक सेतु भी है।
कमला बिसेसर ने गंगाधारा में किया जल अर्पण
प्रधानमंत्री मोदी के अनुरोध पर कमला बिसेसर ने श्रद्धापूर्वक गंगाधारा में महाकुंभ और सरयू का पवित्र जल अर्पित किया। यह समारोह वहां की जनता के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।
श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति: भारतीय आस्था का प्रतीक
इस भेंट के अगले चरण में प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या के 500 वर्षों बाद बने भव्य श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति भी कमला बिसेसर को भेंट की। यह न केवल श्रद्धा का प्रतीक था बल्कि भारत और त्रिनिदाद के बीच गहरे संबंधों की एक जीवंत मिसाल भी।
कमला बिसेसर: बिहार की बेटी, विश्व की नेता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया:
“कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे। उन्होंने स्वयं बक्सर जाकर अपनी जड़ों को महसूस किया है। यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज भी बिहार से हैं। इसलिए कमला जी को लोग ‘बिहार की बेटी’ मानते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि:
- बिहार की ऐतिहासिक भूमिका राजनीति, कूटनीति, शिक्षा और लोकतंत्र में अद्वितीय रही है।
- 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार नई प्रेरणाओं और अवसरों का केंद्र बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल न केवल राजनयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि संस्कृति, परंपरा और आस्था को जोड़ने वाली एक सशक्त पहल भी थी। त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में भारतीय मूल के लोगों के साथ भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करना इस भेंट का मुख्य उद्देश्य था।