धनबाद: निरसा प्रखंड क्षेत्र में खराब सड़कों की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण पीठाक्यारी गांव जाने वाली मुख्य सड़क की हालत बेहद खराब हो गई है। सड़क पर कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे पैदल, साइकिल और दोपहिया वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने किया प्रखंड कार्यालय का घेराव
सड़क की बदहाली से परेशान होकर शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता और प्रखंड बीस सूत्री उपाध्यक्ष इशहाक बेग के नेतृत्व में ग्रामीणों ने निरसा प्रखंड कार्यालय पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने BDO इंद्रलाल ओहदार से मिलकर सड़क की मरम्मत और निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर शिकायत दर्ज कराई।
क्या है पूरा मामला?
- ग्रामीणों के मुताबिक, पीठाक्यारी गांव जाने वाली यह सड़क लगभग 5,000 से 7,000 लोगों के दैनिक आवागमन का प्रमुख जरिया है।
- संवेदक द्वारा सड़क के केवल आधे हिस्से का पक्कीकरण किया गया, जबकि बाकी हिस्सा यूं ही छोड़ दिया गया।
- बारिश के कारण सड़क तालाब में तब्दील हो चुकी है, कई हिस्सों पर घुटनों तक पानी और कीचड़ भरा हुआ है।
- बीते 7-8 महीनों से स्थानीय लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
BDO ने दिया समाधान का भरोसा
ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) इंद्रलाल ओहदार ने पंचायत की मुखिया कविता बाउरी को जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि लोगों को जल्द राहत मिल सके।
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- पूरी सड़क का पक्कीकरण जल्द पूरा किया जाए।
- बारिश के मौसम को देखते हुए सड़क पर अस्थायी सुधार कार्य तुरंत कराया जाए।
- निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले संवेदक पर कार्रवाई की जाए।
- गांव के भीतर अन्य जर्जर सड़कों की भी जांच कर मरम्मत की जाए।
क्यों जरूरी है सड़क की मरम्मत?
ध्यान देने वाली बात यह है कि खराब सड़कें न केवल लोगों की दैनिक जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि:
- स्कूली बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।
- मरीजों को अस्पताल पहुंचने में परेशानी हो रही है।
- ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।
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निष्कर्ष
निरसा क्षेत्र की जर्जर सड़कें स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत हैं कि अब जनता और अधिक इंतजार करने के मूड में नहीं है। ऐसे में प्रशासन को जल्द ठोस कदम उठाने होंगे ताकि लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवागमन मिल सके।