भोपाल।
मध्यप्रदेश वन विभाग की स्टेट टाइगर फोर्स (State Tiger Force) ने वन्य जीवों की तस्करी के खिलाफ एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात बाघ तस्कर ताशी शेरपा को पांच वर्ष की सजा दिलवाने के लिए की गई इस कार्रवाई की इंटरपोल मुख्यालय ल्योन (फ्रांस) ने भी बधाई-पत्र भेजकर प्रशंसा की है। यह देश का पहला मामला है, जिसमें बाघ शिकारियों, कुरियर, बिचौलियों और तस्करों के एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के 28 अपराधियों को दोषी ठहराया गया है।
9 साल की मेहनत, सरहद पार से की गई गिरफ्तारी
ताशी शेरपा मूल रूप से तिब्बत का निवासी है और उसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ था। उसे 25 जनवरी 2024 को भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया गया था। स्टेट टाइगर फोर्स, भोपाल ने करीब 9 वर्षों तक अथक प्रयास कर यह गिरफ्तारी संभव बनाई थी।
वैज्ञानिक जांच और मजबूत साक्ष्य के दम पर सजा
स्टेट टाइगर फोर्स ने आरोपी ताशी शेरपा के खिलाफ ब्रेन-मैपिंग, पॉलीग्राफी परीक्षण और साइबर डेटा जांच जैसे वैज्ञानिक तरीकों से सबूत जुटाए। मजबूत विवेचना और न्यायालय में पेश किए गए ठोस तथ्यों के आधार पर 9 मई 2025 को ट्रायल कोर्ट नर्मदापुरम ने शेरपा को 5 वर्ष की सजा सुनाई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना मामला गंभीर
जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शेरपा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ट्रायल कोर्ट को एक वर्ष के भीतर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। यह निर्देश पूरी तरह सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया।
इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस और समर्थन
ताशी शेरपा के साथी और इस गिरोह का सरगना जेई तमांग उर्फ पसांग लिमी अभी भी फरार है, जिसके विरुद्ध इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। इंटरपोल द्वारा भेजे गए पत्र में मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर फोर्स को भविष्य में भी अंतरराष्ट्रीय तस्करों के विरुद्ध सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर स्टेट टाइगर फोर्स को बधाई दी और कहा कि, “वन और वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। स्टेट टाइगर फोर्स का यह कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है और इसमें शामिल अधिकारियों को शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा।”
पहले भी सराहना कर चुका है इंटरपोल
स्टेट टाइगर फोर्स के कार्यों की यह चौथी बार इंटरपोल द्वारा सराहना की गई है। इससे पहले भी इस फोर्स ने अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर कई बड़ी गिरफ्तारियां की हैं।