BY: Yoganand Shrivastva
इस्लामाबाद, पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से ही वर्तमान सरकार के खिलाफ विद्रोह का आह्वान कर दिया है। उन्होंने 6 जुलाई से पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू करने की बात कही है। इमरान खान ने सोशल मीडिया के जरिए अपने समर्थकों को संदेश दिया है कि अब वक्त आ गया है जब इस “तानाशाही हुकूमत” के खिलाफ सड़कों पर उतरना होगा।
“जेल की कोठरी स्वीकार है, लेकिन तानाशाही नहीं”
इमरान खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश जारी करते हुए लिखा –
“मैं देशवासियों और खासकर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि 6 जुलाई को आशूरा के बाद वे इस दमनकारी शासन के खिलाफ आवाज उठाएं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे तानाशाही की गुलामी मंजूर नहीं। अगर चुनाव और संविधान की हत्या करनी है, तो मैं जेल की कोठरी में रहना पसंद करूंगा, पर इस अन्याय को स्वीकार नहीं करूंगा।”
पिछले दो सालों से जेल में बंद हैं इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान 2023 से जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी पहले एक भ्रष्टाचार केस में हुई थी, लेकिन बाद में उनके ऊपर देशद्रोह, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने जैसे कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए।
9 मई 2023 को इस्लामाबाद में PTI समर्थकों ने कई सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने इमरान पर सख्त कार्रवाई की। अब तक उनके खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
सेना और अदालतें भी निशाने पर
इस बार इमरान खान ने न केवल शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधा, बल्कि सीधे सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और न्यायपालिका पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा:
“जब कोई तानाशाह सत्ता में होता है, तो उसे जनमत की ज़रूरत नहीं होती। वह केवल हिंसा और डर के जरिए शासन करता है। आज पाकिस्तान की अदालतें कार्यपालिका का हिस्सा बन चुकी हैं। निष्पक्ष जजों को हाशिए पर डाल दिया गया है, और सिर्फ सत्ता के वफादार लोगों को ही आगे बढ़ाया जा रहा है।”
इमरान के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है, खासकर ऐसे समय में जब देश में मोहर्रम का पवित्र महीना चल रहा है।
आंदोलन की तैयारी में PTI, सरकार अलर्ट पर
इमरान के इस एलान के बाद PTI नेताओं और समर्थकों में जोश है। पार्टी की केंद्रीय समिति ने जेल में बंद नेताओं के संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल तेज कर दिया है। वहीं, सरकार ने आशंका जताई है कि इमरान खान की इस अपील से देश में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
सरकारी प्रवक्ताओं ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी तरह की अराजकता और सांप्रदायिक तनाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और 6 जुलाई के आसपास देश के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।
क्या फिर उभरेंगे इमरान?
विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान खान का यह आंदोलन भले ही जेल से शुरू हो, लेकिन यदि जनता का समर्थन मिला तो यह पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है। वर्ष 2024 में हुए आम चुनावों में PTI को सत्ता से दूर कर दिया गया था, लेकिन अब इमरान फिर से ‘जन-नेता’ की छवि के साथ उभरने की कोशिश कर रहे हैं।