रिपोर्टर: संजू जैन (बेमेतरा)
- आज रात्रि से लागू: धनबाद जिले में सभी शराब दुकानें बंद कर दी जाएँगी।
- प्रक्रिया: दुकानें हैंडओवर-टेकओवर के दौरान अगले तीन दिनों तक अपने नए मॉडल, लाइसेंसधारकों को दी जाएँगी।
- अलग-अलग स्थानों पर आठ निगरानी टीमों का गठन; ये मजिस्ट्रेटों की निगरानी में कार्य करेंगी।
क्यों लाई गई यह व्यवस्था?
- पारदर्शिता: निजीकरण और डिजिटल लॉटरी प्रक्रिया से भ्रष्टाचार में कमी।
- जिम्मेदारी: निजी लाइसेंसधारकों की निगरानी से दुकान संचालन बेहतर होगा।
- कानूनी दायरे: अब तक की एजेंसी मॉडल में मिली अनियमितताओं को रोकना।
- लक्ष्य: अवैध बिक्री को नियंत्रित कर राजस्व व नियमन प्रणाली को मजबूत बनाना।
वर्तमान स्थिति और आगे का रोडमैप
- 30 जून को पुरानी एजेंसी की कार्य अवधि समाप्त हो रही है।
- आने वाले 1 जुलाई से नई नीति लागू होने की संभावित तैयारियाँ चल रही हैं — हालांकि कुछ जिलों में प्रक्रिया अभी अधूरी है।
- धनबाद जिले में यह हैण्डओवर–टेकओवर की प्रक्रिया उत्पाद आयुक्त के निर्देश पर शुरू, सार्वजनिक रूप से श्रमिक भर्ती एजेंसी को संचालन एवं निगरानी की जिम्मेदारी दी जा रही है ।
प्रशासन/राजनीतिक प्रतिक्रिया
- भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि नीति में छुपा भ्रष्टाचार हो सकता है, जिससे “तीसरा शराब घोटाला” संभव है ।
- दूसरी ओर, विधानसभा के उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि यह कदम राजस्व बढ़ाने और काले बाज़ारी पर लगाम लगाने हेतु उठाया गया है।