भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक रंगों पर किया शोध
सरोजनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल की प्रतिभाशाली चित्रकला छात्रा पायल जैन को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। यह उपाधि उन्हें चित्रकला विषय में उनके उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए प्रदान की गई है, जिसे उन्होंने डॉ. रश्मि जोशी के मार्गदर्शन में पूर्ण किया।
भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक रंगों पर केंद्रित था शोध
पायल जैन ने अपने शोध कार्य में भारतीय संस्कृति में चित्रित पौराणिक चरित्रों को प्रमुख विषयवस्तु के रूप में प्रस्तुत किया। उनके शोध का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी था कि उन्होंने आधुनिक समय में प्राकृतिक रंगों के उपयोग और उनके महत्व को विस्तारपूर्वक दर्शाया।
पायल ने दर्शाया कि आज के युग में भी पारंपरिक व प्राकृतिक रंगों का प्रयोग चित्रकला में कैसे संभव है और कैसे ये रंग न केवल पर्यावरण-अनुकूल हैं बल्कि कलात्मक सौंदर्य को भी बढ़ाते हैं।
डॉ. रश्मि जोशी का मिला मार्गदर्शन
पायल का यह शोध कार्य डॉ. रश्मि जोशी के सान्निध्य में पूर्ण हुआ, जो सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके मार्गदर्शन में पायल का शोध अकादमिक दृष्टि से समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक बन सका।
परिवार और मित्रों ने दी शुभकामनाएं
पायल जैन की इस उपलब्धि पर उनके परिवारजन, मित्रों और शिक्षकों ने उन्हें हार्दिक बधाई दी। सभी ने इस उपलब्धि को उनकी मेहनत, समर्पण और रचनात्मकता का प्रतिफल बताया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कला जगत के लिए प्रेरणादायक उदाहरण
पायल जैन की यह उपलब्धि न केवल छात्र समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह दिखाती है कि भारतीय कला परंपरा, पौराणिक संदर्भ और प्राकृतिक संसाधनों का आधुनिक दृष्टिकोण से अध्ययन आज भी कितना सार्थक और आवश्यक है।