देशभर में मानसून की दस्तक के साथ ही बिजली गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा और बिहार के कई जिलों में वज्रपात ने लोगों की जान ले ली है, जिससे भय का माहौल बन गया है।
आगरा में खेत में काम करते समय दंपति की मौत
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के चित्राहाट थाना क्षेत्र में मंगलवार शाम को आकाशीय बिजली गिरने से एक दंपति की मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार—
- मृतकों की पहचान हरि सिंह और उनकी पत्नी कांति देवी के रूप में हुई है।
- दोनों पई गांव में खेत में मजदूरी कर रहे थे।
- बारिश होने पर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गए।
- तभी अचानक आकाशीय बिजली गिरी और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
थाना प्रभारी रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों गरीब मजदूर थे और खेतिहर काम से ही जीविका चलाते थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
बिहार में वज्रपात से 12 मौतें, सबसे अधिक बक्सर में
बिहार के छह जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान वज्रपात की वजह से 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
जिन जिलों से मौतें हुई हैं:
- बक्सर: 4 लोग
- पश्चिम चंपारण: 3 लोग
- कटिहार: 2 लोग
- कैमूर, लखीसराय, सीतामढ़ी: 1-1 व्यक्ति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
अप्रैल में भी भारी नुकसान
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में वज्रपात ने कहर बरपाया हो।
- अप्रैल 2025 में आकाशीय बिजली से 90 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
- 23 लोगों की जान केवल नालंदा जिले में गई थी।
- उस दौरान भी फसलें और मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे।
सावधानी और सतर्कता की ज़रूरत
बिजली गिरने से होने वाली मौतें रोकी जा सकती हैं अगर लोग समय पर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
सुरक्षा के लिए ध्यान रखें:
- बारिश या आंधी के दौरान खुले में न रहें।
- पेड़ों के नीचे शरण न लें।
- खेतों, ऊंची जगहों या धातु के उपकरणों से दूर रहें।
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आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं मानसून के दौरान आम हो जाती हैं, लेकिन सावधानी से इनसे बचा जा सकता है। सरकार को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में जनजागरूकता अभियान चलाए और त्वरित राहत सुनिश्चित करे।