छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। राज्य के नवा रायपुर क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एक लिपिक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई आम जनता को यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
कौन है आरोपी लिपिक?
गिरफ्तार किए गए लिपिक का नाम चवाराम बंजारे है। वह नवा रायपुर के चिकित्सा शिक्षा कार्यालय में कार्यरत था। ACB की टीम ने उसे सेवानिवृत्त कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए मौके पर ही धर दबोचा।
शिकायत कैसे हुई?
इस पूरे मामले की शुरुआत हुई तुकाराम लहरे की शिकायत से, जो कि एक सेवानिवृत्त लैब टेक्नीशियन हैं।
- लहरे ने ACB को बताया कि चवाराम बंजारे उनसे जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और अन्य बकाया राशि जारी करने के बदले ₹50,000 रिश्वत मांग रहा था।
- शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एक जाल (trap) बिछाया।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
- सोमवार को तय योजना के तहत तुकाराम लहरे ने आरोपी को रिश्वत की रकम सौंपी।
- जैसे ही रकम सौंपने की पुष्टि हुई, ACB की टीम ने चवाराम बंजारे को गिरफ्तार कर लिया।
- उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
आगे क्या होगा?
ACB ने पुष्टि की है कि मामले की जांच जारी है और आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों को हल्के में नहीं लिया जा रहा।
यह खबर भी पढें: छत्तीसगढ़ टॉप 25 न्यूज़: 17 जून 2025 की बड़ी खबरें
ACB की यह कार्रवाई आम लोगों में विश्वास जगाने वाली है। यह उदाहरण बताता है कि यदि कोई व्यक्ति रिश्वत की मांग करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाकर न्याय पाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।