भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि देश की अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराई जाएगी। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी, और इसके लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस बात की पुष्टि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है।
अधिसूचना की प्रमुख बातें:
- जनगणना वर्ष: 2027
- चरण: दो चरणों में
- घोषणा करने वाला विभाग: गृह मंत्रालय, भारत सरकार
- अधिसूचना स्थिति: राजपत्र में अधिसूचना जारी
Central Government declares that a census of the population of India shall be taken during the year 2027, gazette notification issued. pic.twitter.com/FUipgkLdYz
— ANI (@ANI) June 16, 2025
क्या है जनगणना और क्यों होती है जरूरी?
जनगणना एक देशव्यापी प्रक्रिया है जिसके तहत सरकार जनसंख्या, सामाजिक और आर्थिक स्थिति, शिक्षा, रोजगार और अन्य जनसंख्या संबंधी आंकड़े जुटाती है। यह डाटा नीतियों और योजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है।
जनगणना के मुख्य उद्देश्य:
- सामाजिक और आर्थिक योजनाओं के लिए डेटा संग्रह
- संसाधनों का बेहतर प्रबंधन
- सरकारी सेवाओं का उचित वितरण
- शहरी और ग्रामीण विकास की योजनाएं बनाना
पिछली जनगणना कब हुई थी?
भारत में पिछली बार 2011 में जनगणना कराई गई थी। 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी, जिसके चलते देश में जनसंख्या के अद्यतन आंकड़े नहीं मिल पाए।
2027 जनगणना से क्या उम्मीदें हैं?
2027 की जनगणना से देश को निम्नलिखित लाभ मिलने की उम्मीद है:
- अद्यतन जनसंख्या डेटा
- डिजिटल और तकनीकी माध्यमों का बेहतर उपयोग
- शहरीकरण, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में योजनाओं को दिशा
- केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों में अधिक पारदर्शिता
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जनगणना 2027 भारत के विकास और योजना निर्माण में एक बड़ा कदम होगी। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद इसकी तैयारियां जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। यह जनगणना डिजिटल इंडिया अभियान के तहत आधुनिक तकनीक से लैस हो सकती है, जिससे डाटा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।