भारत सरकार ने जनगणना 2027 को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहली बार जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, तेज और सुरक्षित होगी।
Contents
1. जनगणना दो चरणों में होगी2. 34 लाख सर्वेक्षक होंगे तैनात3. 1.3 लाख जनगणना अधिकारी की नियुक्ति4. पहली बार डिजिटल जनगणना5. आवास और संपत्ति से जुड़ी जानकारी6. प्रत्येक व्यक्ति की विस्तृत जानकारी7. जातिगत जनगणना भी शामिल8. सेल्फ-सर्वेक्षण (Self Enumeration) का विकल्प9. डेटा सुरक्षा होगी प्राथमिकता10. जनसंख्या वृद्धि का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
इस लेख में हम जनगणना 2027 से जुड़ी 10 प्रमुख बातों को सरल भाषा में समझते हैं:
1. जनगणना दो चरणों में होगी
- पहला चरण: मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (House Listing Operation – HLO)
- दूसरा चरण: वास्तविक जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE)
2. 34 लाख सर्वेक्षक होंगे तैनात
- घर-घर जाकर जानकारी जुटाने के लिए 34 लाख फील्ड वर्कर और सुपरवाइजर नियुक्त होंगे।
- ये सर्वेक्षणकर्ता डिजिटल ऐप्स के माध्यम से डेटा इकट्ठा करेंगे।
3. 1.3 लाख जनगणना अधिकारी की नियुक्ति
- ये अधिकारी न सिर्फ सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे, बल्कि पूरे डेटा के प्रबंधन और विश्लेषण में भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
4. पहली बार डिजिटल जनगणना
- मोबाइल ऐप के जरिए डेटा संग्रहण होगा।
- प्रक्रिया अधिक प्रभावी, तेज और डेटा-सुरक्षित होगी।
5. आवास और संपत्ति से जुड़ी जानकारी
- मकानों की संख्या, हालत, स्वामित्व, संपत्ति और सुविधाओं जैसे विषयों पर भी जानकारी ली जाएगी।
6. प्रत्येक व्यक्ति की विस्तृत जानकारी
- जाति, लिंग, उम्र, शिक्षा, रोजगार, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, संस्कृति और निवास स्थान से जुड़ी जानकारी दर्ज की जाएगी।
7. जातिगत जनगणना भी शामिल
- लंबे समय से चर्चा में रही जातिगत जनगणना भी इस प्रक्रिया में शामिल की जाएगी।
8. सेल्फ-सर्वेक्षण (Self Enumeration) का विकल्प
- नागरिकों को स्व-गणना का विकल्प भी मिलेगा, जिससे वे स्वयं अपने डेटा को भर सकेंगे।
9. डेटा सुरक्षा होगी प्राथमिकता
- डेटा संग्रहण से लेकर ट्रांसफर और स्टोरेज तक की हर प्रक्रिया में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम होंगे।
- किसी भी प्रकार के डेटा लीक को रोकने के लिए कड़े साइबर सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे।
10. जनसंख्या वृद्धि का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
क्षेत्र | 1881–1971 वृद्धि | 1881–2011 वृद्धि |
---|---|---|
उत्तर भारत | 115% | 427% |
दक्षिण भारत | 193% | 445% |
पश्चिम भारत | 168% | 500% |
पूर्वी भारत | 213% | 535% |
- उत्तर भारत में ऐतिहासिक रूप से सबसे कम जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई है।
- पूर्वी भारत में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली।
यह भी पढें: लखनऊ एयरपोर्ट पर हड़कंप: सऊदी से आए हज यात्रियों के विमान में तकनीकी खराबी, पहिए से निकली चिंगारी
जनगणना 2027 भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी और आज़ादी के बाद 8वीं। यह न केवल जनसंख्या का आंकलन करेगी, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलावों की दिशा भी तय करेगी। डिजिटल तकनीक के उपयोग से यह प्रक्रिया अधिक सटीक और पारदर्शी बन जाएगी।