राजस्थान सरकार के गिवअप अभियान के तहत सीकर जिले में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। 85,000 से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) से खुद को बाहर कर लिया है। वहीं, करीब 2 लाख नए पात्र लोगों को योजना में जोड़ा गया है। इस कदम का मकसद है— वास्तविक जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना।
यह पहल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ी कोशिश मानी जा रही है।
📊 अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ
- 85,442 लाभार्थियों ने योजना छोड़ी
- 1,96,243 नए पात्र लोग योजना में शामिल हुए
- 280 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस भेजकर वसूली शुरू
- हर दिन कम से कम 5 दुकानों का औचक निरीक्षण
📝 अभियान कब और क्यों शुरू हुआ?
गिवअप अभियान की शुरुआत 1 नवंबर 2024 को की गई थी। इसका उद्देश्य था कि जो लोग योजना के मानदंडों में फिट नहीं बैठते, वे स्वेच्छा से लाभ लेना बंद करें, जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक राशन और अन्य सुविधाएं पहुंच सकें।
जिला रसद अधिकारी विजेंद्र पाल के अनुसार, इस अभियान को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए विभिन्न विभागों से डेटा एकत्र किया जा रहा है।
🚫 किन लोगों को अपात्र माना गया?
सरकार ने कुछ स्पष्ट मानदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर लोगों को योजना से बाहर किया जा रहा है:
- जिनके परिवार में कोई आयकरदाता है
- जिनका कोई सदस्य सरकारी या अर्ध-सरकारी नौकरी में है
- जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1 लाख से अधिक है
- जिनके पास चार पहिया वाहन है (खेतीबाड़ी के ट्रैक्टर को छोड़कर)
इन मानदंडों के आधार पर सीकर जिले में अपात्र लोगों की पहचान की जा रही है और उन्हें योजना से हटाया जा रहा है।
⚠️ अपात्र लाभार्थियों से वसूली शुरू
अब तक 280 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे:
- अब तक मिले राशन की वसूली की जाएगी
- भविष्य में उन्हें योजना से स्थायी रूप से बाहर किया जाएगा
यह कार्रवाई अनुशासन और न्याय के तहत की जा रही है ताकि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग रोका जा सके।
👀 सघन जांच और निरीक्षण अभियान
खाद्य विभाग ने औचक निरीक्षण की व्यवस्था भी शुरू की है:
- हर दिन 5 उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण
- प्रवर्तन अधिकारी व निरीक्षक पात्रता की जांच करेंगे
- दुकानदारों से सहयोग लेकर सूची तैयार की जाएगी
यह तरीका सुनिश्चित करता है कि कोई भी अयोग्य व्यक्ति योजना का लाभ ना उठा सके।
🚗 वाहन मालिकों की पहचान
खाद्य विभाग, परिवहन विभाग से डेटा लेकर यह जांच कर रहा है कि:
- कौन लोग चार पहिया वाहन के मालिक हैं
- वे NFSA योजना का अनुचित लाभ तो नहीं ले रहे
इस आधार पर नए नोटिस भेजे जाएंगे और उनसे भी वसूली की जाएगी।
✅ जरूरतमंदों को मिलेगा लाभ
गिवअप अभियान का असली मकसद यही है कि:
- योग्य और जरूरतमंद व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले
- कोई अयोग्य व्यक्ति इन योजनाओं का दुरुपयोग न कर सके
इससे पात्र लोगों में विश्वास बढ़ेगा और सरकारी योजनाएं वास्तविक उद्देश्यों की पूर्ति कर सकेंगी।
📣 निष्कर्ष: पारदर्शिता और न्याय की ओर कदम
सीकर जिले में चल रहा गिवअप अभियान एक उदाहरण है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। अपात्र लाभार्थियों की पहचान और वसूली के साथ-साथ नए पात्रों को योजना में जोड़ना यह दिखाता है कि राज्य सरकार सही दिशा में काम कर रही है।





