BY: Yoganand Shrivastva
03 मई को हर वर्ष विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्र पत्रकारिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना के अधिकार जैसे मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों को सम्मान देने के लिए समर्पित है।
इस दिवस का उद्देश्य मीडिया की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना और पत्रकारों को बिना किसी दबाव या खतरे के काम करने का अधिकार सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, यह दिन आम जनता में प्रेस की भूमिका और महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने का भी कार्य करता है।
📅 कब और क्यों मनाया जाता है यह दिन?
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर साल 3 मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित तरीके से काम करने का माहौल मिले। इस दिन पर दुनिया भर में यह चर्चा होती है कि कैसे पत्रकारों पर सेंसरशिप, धमकियों और हमलों का खतरा बढ़ रहा है।
🎯 मुख्य उद्देश्य
- प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करना
- दुनिया भर में स्वतंत्र और सुरक्षित पत्रकारिता के माहौल की मांग करना
- अभिव्यक्ति की आज़ादी को लोकतंत्र की नींव के रूप में स्थापित करना
- पत्रकारों के खिलाफ होने वाली हिंसा और दमन पर ध्यान आकर्षित करना
🏛️ इतिहास और शुरुआत
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। इसका आधार 1991 में नामीबिया के विंडहोक शहर में आयोजित सम्मेलन में पारित ‘विंडहोक घोषणा पत्र’ था। इस घोषणापत्र में स्वतंत्र, बहुलवादी और विविधतापूर्ण प्रेस की आवश्यकता को रेखांकित किया गया था।
⚠️ पत्रकारों को होने वाले खतरे
आज की दुनिया में पत्रकारों को धमकियों, शारीरिक हमलों, यहां तक कि हत्या जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार सत्ता और प्रभावशाली ताकतें सच्चाई को सामने लाने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को डराने-धमकाने या सेंसर करने की कोशिश करती हैं।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस न सिर्फ मीडिया की आजादी को लेकर एक मजबूत आवाज़ है, बल्कि यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस का होना अनिवार्य है। यह दिवस हर नागरिक को प्रेस की भूमिका की सराहना करने और पत्रकारों के लिए सुरक्षित वातावरण की मांग करने के लिए प्रेरित करता है।
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