उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के अनुसार चलेगा, न कि शरीयत कानून के हिसाब से। उन्होंने कहा, “जिन्हें शरीयत संविधान से ज़्यादा महत्वपूर्ण लगती है, वे उन देशों में जा सकते हैं जहाँ यह कानून लागू है।”
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क्या था योगी का बयान?
- योगी आगरा में डॉ. अंबेडकर की स्मृति में आयोजित ‘भीम नगरी’ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
- उनकी टिप्पणी झारखंड के हाफ़िज़ुल हसन के हालिया बयान के जवाब में थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “मुसलमानों के लिए शरीयत संविधान से पहले आती है।”
- योगी ने जोर देकर कहा कि संविधान की अवहेलना करने वाले वास्तव में डॉ. अंबेडकर का अपमान करते हैं।
“कांग्रेस ने अंबेडकर का सम्मान नहीं किया”
- योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने डॉ. अंबेडकर को उचित सम्मान नहीं दिया और उन्हें चुनाव में हराया।
- उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान के मूल्यों को बचाए रखा और महिलाओं को 33% आरक्षण दिया।
“शरणार्थी हिंदुओं को नागरिकता मिलेगी”
- योगी ने पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन्हें नागरिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर “वोट बैंक की राजनीति” करने का आरोप लगाया।
समारोह में मौजूद थे:
- केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल
- उप्र मंत्रिमंडल के सदस्य
- राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान
- आगरा की मेयर हेमलता दिवाकर