बेमौसम बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद
रिपोर्ट: लखनऊ/अलीगढ़/सीतापुर/बस्ती/देवरिया BY: Vijay Nandan
उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। तेज हवाओं, गरज-चमक और बारिश ने जहां आमजन को चिलचिलाती गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह तबाही लेकर आई है।
राज्य के कई ज़िलों जैसे देवरिया, सीतापुर, बस्ती और अयोध्या में तेज़ बारिश और आंधी ने कहर बरपाया। खेतों में पकी हुई फसलें बर्बाद हो गईं तो वहीं कुछ जगहों पर जानमाल का नुकसान भी हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में तेज हवाओं और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बस्ती: मेहनत पर फिरा पानी, गेहूं की फसलें बर्बाद
बस्ती जिले के कई गांवों में मूसलाधार बारिश ने किसानों की उम्मीदों को झटका दिया है। कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल बारिश में भीगकर सड़ने लगी है। लगभग 60% फसल खेतों में पहले से कटकर रखी गई थी, जो अब बर्बादी की कगार पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उपज घटेगी और बाज़ार में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं।
सीतापुर: आंधी और बिजली गिरने से दो की मौत
सीतापुर जिले के बिसवां तहसील क्षेत्र में दो अलग-अलग घटनाओं में एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई।
- ग्राम मोच खुर्द निवासी हरिश्चंद्र भार्गव अपने खेत में काम कर रहे थे, तभी उन पर आकाशीय बिजली गिर गई।
- वहीं ग्राम रसूलपुर हरदोपट्टी में तेज आंधी से कुसुमा देवी के घर की दीवार गिर गई, जिसके नीचे दबकर उनकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई।

अयोध्या और लखनऊ में बदला मौसम, लोगों को राहत
राम नगरी अयोध्या में देर रात हल्की बारिश और तेज हवाओं के बाद मौसम ने अचानक पलटा खाया। सुबह हल्की धूप निकली थी, लेकिन दोपहर तक धूलभरी आंधी और बारिश ने वाहन चालकों की रफ्तार रोक दी।
लखनऊ में भी मौसम सुहाना हो गया है। तेज हवाओं और रिमझिम फुहारों ने गर्मी से परेशान लोगों को बड़ी राहत दी है। तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश: “राहत कार्यों में तेजी लाई जाए”
लखनऊ से जारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और वज्रपात से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने और राहत कार्यों में तत्परता दिखाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का तत्काल आंकलन कर रिपोर्ट शासन को सौंपी जाए, ताकि पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जा सके। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर ज़मीनी हकीकत की निगरानी करें और जरूरतमंदों को त्वरित सहायता पहुँचाएं।

देवरिया: गरज के साथ बारिश, हाई अलर्ट जारी
देवरिया में गुरुवार को दोपहर बाद तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग ने क्षेत्र के लिए ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है और चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे में तेज आंधी और भारी बारिश हो सकती है। इससे जनजीवन के साथ-साथ खेतों की फसलों को भी भारी नुकसान की आशंका है।
उत्तर प्रदेश में अचानक बदले मौसम ने जहाँ गर्मी से राहत दी है, वहीं किसानों और ग्रामीणों के लिए ये भारी मुसीबत बन गया है। मौसम विभाग की चेतावनी और सरकार की राहत कार्यों की दिशा में सक्रियता इस आपदा को कुछ हद तक संभाल सकती है, लेकिन खेतों में हुए नुकसान की भरपाई आसान नहीं होगी।
अप्रैल में बारिश होने के मुख्य कारण
1. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ)
- यह एक मौसम प्रणाली है जो भूमध्यसागर क्षेत्र से हवा में नमी लेकर उत्तर भारत की ओर बढ़ती है।
- जब यह भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों (जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान) में पहुंचती है, तो यह बारिश और कभी-कभी ओलावृष्टि का कारण बनती है।
- यह आमतौर पर अप्रैल और मार्च में सक्रिय होती है।
2. जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
- ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से वातावरण में असामान्य गर्मी और नमी बनती है, जिससे मौसम का चक्र गड़बड़ा जाता है।
- इसी के चलते अब मौसम अपनी सामान्य सीमाओं से हटकर व्यवहार करने लगा है — जैसे अप्रैल में बेमौसम बारिश।
3. स्थानीय तापमान और नमी (Local Heating & Moisture)
- दोपहर के समय ज़मीन बहुत ज़्यादा गर्म हो जाती है, और अगर हवा में नमी हो, तो थंडरस्टॉर्म (गरज-चमक के साथ बारिश) बन सकता है।
- यह अचानक होती बारिश होती है जिसे स्थानीय भाषा में ‘अंधड़’ या ‘काल बैसाखी’ भी कहा जाता है (विशेषकर पूर्वी भारत में)।
4. ला नीना या एल नीनो प्रभाव
- ये महासागरीय घटनाएं हैं जो पूरे दक्षिण एशिया के मौसम पर असर डालती हैं।
- अगर ला नीना सक्रिय हो, तो भारत में बारिश के पैटर्न बदल जाते हैं, जिससे अप्रैल में असामान्य बारिश हो सकती है।
प्रभाव क्या होता है?
- किसानों को भारी नुकसान: फसल कटाई के समय बारिश होने से फसलें सड़ जाती हैं।
- बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ती हैं, जिससे जानमाल का खतरा रहता है।
- तापमान में गिरावट आती है, जिससे गर्मी से कुछ राहत मिलती है, लेकिन लंबे समय में यह स्वास्थ्य और कृषि पर असर डालती है।





