भोपाल, 09 अप्रैल 2025: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में “स्वावलंबी गोशाला नीति-2025” को मंजूरी मिल गई है। यह नीति प्रदेश के 8 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों की देखभाल और संरक्षण को लेकर एक बड़ा कदम है। इसका मकसद सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों से होने वाली दुर्घटनाओं और नागरिकों को होने वाली परेशानियों को कम करना है।
क्या हैं नई नीति के प्रमुख बिंदु?
- जमीन आवंटन:
- सरकार PPP मॉडल (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के तहत 1 रुपए की सांकेतिक दर पर निजी संस्थाओं/व्यक्तियों को जमीन देगी।
- जमीन की लीज अवधि 20 वर्ष होगी।
- गोशालाओं को बिजली सब्सिडी भी मिलेगी।
- वित्तीय सहायता:
- अब तक निराश्रित गायों के लिए 20 रुपए प्रतिदिन का अनुदान दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 40 रुपए कर दिया गया है।
- 2025-26 के बजट में इसके लिए 606 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
- नस्ल सुधार और जैविक खाद:
- गोवंश की नस्ल सुधारने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- गोबर से 8 दिन में जैविक खाद तैयार करने की तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा।
- डॉ. आंबेडकर पशुपालन योजना:
- पशुपालन विकास योजना का नाम बदलकर डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखा गया है।
- किसानों को शून्य ब्याज दर पर क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्यों है यह नीति महत्वपूर्ण?
- मध्य प्रदेश में 1.87 करोड़ गोवंश हैं, जिनमें से 8.5 लाख से अधिक निराश्रित हैं।
- इन्हें 2190 गोशालाओं में रखा गया है, जहाँ प्रतिदिन 70-80 रुपए प्रति गाय का खर्च आता है।
- नई नीति से गोवंशों की देखभाल, किसानों की आय और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य अहम फैसले:
- मंदसौर में 2932 करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजना को मंजूरी।
- बिजली कंपनियों को 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की अनुमति।
- शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए एडसिल इंडिया के साथ समझौता।
आगे की राह:
11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 13 अप्रैल को गृहमंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश दौरे से पहले यह फैसला राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।





