तालाब का पानी बर्बाद करने के खिलाफ किसानों का विरोध
राजस्थान के कोटा जिले में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने सुल्तानपुर नगर के रक्तया भेरुजी तालाब में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि जल संसाधन विभाग तालाब का पानी निकालकर चंबल नदी में बहा रहा है, जबकि इस समय गर्मी के मौसम में यह पानी पशु-पक्षियों और स्थानीय लोगों के लिए जरूरी है।
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क्या है पूरा मामला?
- किसान संघ का कहना है कि पिछले दो दिनों से तालाब का पानी निकालकर खाड़ी में डाला जा रहा है।
- जिलाध्यक्ष जगदीश कलमंडा ने बताया कि उपखंड अधिकारी को समस्या के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार जल संरक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन अधिकारी जमीन पर कुछ नहीं करते।
तालाब का पुनरुद्धार कार्य भी अधूरा
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 1 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे।
- पिछले साल काम शुरू हुआ, लेकिन भुगतान में देरी के कारण ठेकेदार ने काम रोक दिया। अब फिर से काम शुरू हुआ है।
- किसान संघ का आरोप है कि 5-6 बार पानी निकाला जा चुका है, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।

किसानों की मांग
- तालाब का पानी बर्बाद न किया जाए और जल संरक्षण पर ध्यान दिया जाए।
- गर्मी में यह पानी पशुओं और लोगों के काम आना चाहिए।
- अगर मांग नहीं मानी गई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
पुलिस ने की समझाइश, लेकिन समाधान नहीं निकला
जल सत्याग्रह की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और पानी में बैठे किसान नेताओं से बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।
क्या होगा आगे?
किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर तालाब की निकासी नहीं रोकी गई, तो आंदोलन और बड़े स्तर पर होगा
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