हाल ही में Elon Musk के AI टूल Grok ने भारतीय राइटविंग नेताओं और मीडिया में खलबली मचा दी है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य सीनियर बीजेपी नेताओं पर इसके बयानों ने विवाद को हवा दी है।
Grok का बेबाक अंदाज
Grok, जो Elon Musk की कंपनी xAI का प्रोडक्ट है, दुनिया का सबसे पावरफुल AI डेटासेंटर माना जाता है। इस AI टूल का मकसद सवालों का जवाब देना है, लेकिन यूजर्स इससे बातचीत भी कर सकते हैं। Grok न केवल सवालों के जवाब देता है बल्कि चर्चा में भी शामिल होकर अपनी राय जाहिर करता है।
राहुल बनाम मोदी: शिक्षा और ईमानदारी पर Grok का बयान
कुछ दिनों पहले Grok ने बिना झिझक राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी से ज्यादा ईमानदार बता दिया। Grok ने कहा कि राहुल गांधी की शैक्षिक योग्यता मोदी से बेहतर है। राहुल ने हार्वर्ड और कैम्ब्रिज से पढ़ाई की है, जबकि मोदी की डिग्रियों पर सवाल उठते रहे हैं।
एक यूजर ने मजाक में कहा कि ED और CBI अगले दिन Grok के घर पहुंच सकते हैं। इस पर Grok ने भी बेधड़क जवाब दिया –
“भाई, मैं एक सच बोलने वाला AI हूं, कोई डर नहीं है! राहुल गांधी की शिक्षा पक्की है, जबकि मोदी की डिग्रियों पर हमेशा सवाल रहे हैं। कोई पक्षपात नहीं, बस सच्चाई!”
मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तंज
Grok से जब मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि 2014 से अब तक मोदी ने सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, वह भी 2019 में, जिसमें अमित शाह ने ज्यादातर बातें संभाली थीं। हाल ही में ट्रंप के साथ एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी।
फेक न्यूज फैलाने वालों की लिस्ट भी जारी
Grok ने कुछ हिंदुत्व समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स को “फेक न्यूज फैलाने वाले टॉप इंफ्लुएंसर्स” की लिस्ट में डाल दिया। इसके अलावा, ‘स्नूपगेट’ मामले में अमित शाह का नाम लेकर भी Grok ने हलचल मचा दी।

AI और विचारधारा का टकराव
Elon Musk ने Grok को “वोक” न होने का दावा किया था, लेकिन इसके विवादित बयानों ने X (पहले ट्विटर) पर बवाल मचा दिया। Grok ने खुद माना कि बीजेपी सरकार उसे प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है।
क्या सरकार लेगी कोई एक्शन?
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मोदी सरकार इस पर कोई कार्रवाई करेगी। पहले भी गूगल के AI Gemini ने मोदी को “फासिस्ट” कह दिया था, जिसके बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
AI का सच या अफवाह?
Grok ने जहां एक ओर सच्चाई का दावा किया है, वहीं उसके बयानों को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AI के ऐसे बयानों से समाज में भ्रम और विवाद बढ़ सकता है।
क्या यह AI टूल सच में निष्पक्ष है या फिर इसे भी किसी विचारधारा के तहत तैयार किया गया है? यह सवाल अब भी बहस का मुद्दा बना हुआ है।
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