भोपाल मंडल के विदिशा रेलवे स्टेशन के सोराई स्टेशन पर दो ट्रेनों की बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गईं। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और रेलवे की बचाव टीम मौके पर पहुंची। सुबह 11:20 बजे गार्ड ने सोराई स्टेशन को सूचना दी कि एक यात्रा स्पेशल ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई है और इसमें कई यात्रियों के हताहत होने की आशंका है। स्टेशन मास्टर ने तुरंत यह सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को दी, जिसके बाद कंट्रोल रूम ने 5 हूटर (सायरन) बजाकर भोपाल रेलवे स्टेशन से दुर्घटना राहत गाड़ी और चिकित्सा यान को रवाना किया।

कोच काटकर घायलों को बाहर निकाला गया
राहत बचाव टीम ने मौके पर पहुंचकर टूल्स से कोच काटकर घायलों को बाहर निकाला। उन्हें तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया। दरअसल, यह ट्रेन हादसे के संभावित हालात में बचाव कार्य और घायलों की मदद करने के लिए मॉक ड्रिल थी। इस अभ्यास का उद्देश्य रेलवे हादसों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।
स्थानीय प्रशासन से मदद ली गई
रेल मंडल और एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन ने मिलकर रेलवे ने सफलतापूर्वक यह अभ्यास किया। संभावित दुर्घटना की परिस्थितियों को सजीव रूप देने के लिए दो कोचों, एक स्लीपर कोच और एक जनरल कोच को दुर्घटनाग्रस्त दिखाया गया। एसी कोच को डिरेल कर जीएस कोच को उसके ऊपर रखा गया, जिससे एक गंभीर दुर्घटना का दृश्य तैयार किया गया। दुर्घटना राहत गाड़ी के मौके पर पहुंचने के बाद, रेलवे और एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त रूप से बचाव कार्य शुरू किया। यात्रियों को बाहर निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़े गए, दरवाजों और छत को काटा गया। रस्सियों और स्ट्रेचर की सहायता से फंसे हुए यात्रियों को बाहर लाया गया। विशेष रूप से, बोगी के नीचे फंसे यात्रियों को एयरबैग की सहायता से लिफ्ट कर निकाला गया।
घायलों को तुरंत मेडिकल सुविधा दी गई
रेलवे मेडिकल टीम और डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा के डॉक्टरों की टीम ने भी इस अभ्यास में भागीदारी की, जिसमें स्थानीय डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को शीघ्र अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया।
पीआरओ अग्रवाल ने क्या कहा?
भोपाल मंडल के पीआरओ नवल अग्रवाल ने बताया कि रेलवे और एनडीआरएफ के इस संयुक्त अभ्यास से हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का बेहतर आकलन हुआ है। इस अभ्यास से सभी विभागों के बीच तालमेल को मजबूती मिली है, जिससे वास्तविक दुर्घटना के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।