चेन्नई। तमिलनाडु में भाषा विवाद को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार को तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा शुरू करनी चाहिए। उन्होंने तमिल भाषा की सराहना करते हुए इसे भारत की अमूल्य धरोहर बताया।
भाषा विवाद पर क्या बोले अमित शाह?
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा सकती हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को फायदा होगा।
शाह ने कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि परीक्षाएं अब तमिल भाषा में भी दी जा सकें। मैं तमिलनाडु सरकार से अपील करता हूं कि छात्रों के हित में राज्य में तमिल में मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा शुरू की जाए।”
सीआईएसएफ के स्थापना दिवस पर अमित शाह का संबोधन
गृह मंत्री अमित शाह ने यह बयान रानीपेट जिले के थक्कोलम स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 56वें स्थापना दिवस समारोह में दिया। इस अवसर पर उन्होंने अर्द्धसैनिक बलों की परेड, कमांडो ऑपरेशन और योग प्रदर्शन का निरीक्षण किया।
तमिलनाडु की संस्कृति की सराहना
शाह ने तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की सराहना करते हुए कहा कि इस राज्य ने भारत की सांस्कृतिक धारा को हमेशा मजबूती दी है। उन्होंने कहा:
“चाहे प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक उन्नति हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या राष्ट्र की एकता और अखंडता, तमिलनाडु ने हर क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को सशक्त किया है।”
तमिल भाषा को बताया भारत की धरोहर
अमित शाह ने तमिल भाषा को भारत की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीआईएसएफ थक्कोलम प्रशिक्षण केंद्र का नाम महान चोल शासक ‘राजादित्य चोल’ के सम्मान में रखा गया है।
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