जोशुआ का पेड़ रेगिस्तान में ऊगने वाला अनोखा पेड़ है। ये अपनी लंबी उम्र के लिए जाना जाता है। इस पेड़ को बाइबल के जोशुआ किरदार के आधार पर मोरोन जाति के लोगों ने माजवा रेगिस्तान से गुजरते समय दिया था। लेकिन अपने अस्तित्व से संघर्ष कर रही इस प्रजाति का प्रजनन बहुत ही मुश्किल से होता है। जिसमें युक्का पतंगों की अहम भूमिका होती है। दुनिया में कुछ पेड़ देखने में अजीब हैं लेकिन ये अपनी अनोखी खूबियों के लिए अलग ही दिखाई देते हैं। उनमें से जोशुआ भी है। वनस्पति में एक अनूठी प्रजाति जोशुआ वृक्ष युक्का ब्रेविफोलिया या युक्का पाम, आदि नाम से भी जाना जाता है। रेगिस्तान में ठूंठ सा दिखने वाला पेड़ बहुत ही लंबा जीवन जीता है। अमेरिका के कैलिफोर्निया, एरीजोना, उटाह और नेवेदा में मिलने वाला युक्का ब्रवेफोलिया 400 से 1800 मीटर की ऊंचाई के रेगिस्तान में मिलता है। आपको जानकर हैरानी होगी की वैसे तो युक्का ब्रवेफोलिया या जोशुआ पेड़ को लोग पेड़ पुकारते हैं, लेकिन असल में ये पेड़ है ही नहीं. यह वास्तव में पौधा है, लेकिन दिखता पेड़ जैसा है। बड़ा आकार होने की वजह से ही लोग इसे पेड़ पुकारते हैं।
ये बड़ी आजीब बात है कि जोशुआ पेड़ हर साल केवल दो से तीन इंच या औसतन 7.6 सेमी ही लंबा होता है। ये 15 से 40 फुट, यानी 5 से 12 मीटर तक लंबे होते हैं। इनका व्यास एक तिहाई से एक मीटर तक होता है। सबसे लंबा पौधा 15 मीटर तक का देखा गया है। वैसे तो ये पौधे बीज से ही पनपते हैं, लेकिन कई जगह ये किसी पौधे का पास तने से भी पनपते देखे गए हैं। इससे अपनी पूरी ऊंचाई हासिल करने में ही 50 से 60 साल का समय लग जाता है। इनके तने में छोटे फाइबर के रेशे होते हैं और सालाना छल्लों की पूरी तरह से अभाव होते है। बताया जाता है कि सबसे पुराने जोशुआ पेड़ की उम्र 1000 साल की थी। लेकिन इसका प्रमाण नहीं है। लेकिन वैज्ञानिक इनकी औसत उम्र करीब 450 से 500 साल बताते हैं।