Report By: Farhan Khan, Edit by: Priyanshi Soni
Agra: आगरा के कीठम क्षेत्र स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार इलाके में संचालित सूरकुटी दृष्टिबाधित आवासीय विद्यालय को शिक्षा विभाग ने मान्यता न होने के आधार पर तत्काल बंद करने का नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई के बाद विद्यालय में अध्ययनरत दर्जनों दृष्टिबाधित और दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई बीच सत्र में ही रुक गई है, जिससे उनका भविष्य संकट में पड़ गया है।
Agra: यू-डायस कोड न होने पर शिक्षा विभाग की कार्रवाई
खंड शिक्षा अधिकारी अछनेरा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि विद्यालय का यू-डायस कोड उपलब्ध नहीं है और न ही छात्र-छात्राओं का विवरण विभागीय पोर्टल पर अपडेट किया गया है। इसे गंभीर नियम उल्लंघन मानते हुए विभाग ने विद्यालय प्रबंधन पर एक लाख रुपये जुर्माना, प्रतिदिन दस हजार रुपये का दंड और एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी है।
बताया जा रहा है कि यह विद्यालय वर्ष 1976 से संचालित था और वर्षों से दृष्टिबाधित बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा प्रदान कर रहा था।
स्कूल बंद होने से बच्चों में मायूसी
विद्यालय बंद होने की सूचना के बाद बच्चों में भारी निराशा देखने को मिली। बच्चों ने प्रशासन से भावुक अपील करते हुए कहा कि उनका स्कूल दोबारा शुरू कराया जाए ताकि उनकी पढ़ाई जारी रह सके। वहीं अभिभावकों और शिक्षकों का कहना है कि यदि कोई कमी थी तो उसे सुधारने का अवसर दिया जाना चाहिए था, न कि सीधे विद्यालय बंद कर बच्चों का भविष्य दांव पर लगाया जाए।
समाजसेवियों और शिक्षकों ने उठाए सवाल
समाजसेवी सपना गुप्ता ने कहा कि ये बच्चे पहले ही दिव्यांग हैं और शिक्षा ही उनका सबसे बड़ा सहारा है। बीच सत्र में स्कूल बंद करना अमानवीय है और सरकार को संवेदनशील होकर समाधान निकालना चाहिए।
वहीं दिव्यांग शिक्षक गया प्रसाद ने कहा कि अगर मान्यता की कमी थी तो पहले नोटिस देकर सुधार कराया जाता, सीधे ताला लगाना गलत है और इससे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है।
प्रशासन ने जांच का दिया आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम सिटी यमुनाधर चौहान ने बच्चों और अभिभावकों से मुलाकात की। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों से ज्ञापन लेकर पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।
एडीएम सिटी ने कहा कि सभी तथ्यों के आधार पर जांच कराई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके लिए हर संभव समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।
अब फैसले पर टिकी नजर
फिलहाल विद्यालय पर लगे ताले ने प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद प्रशासन दिव्यांग और दृष्टिबाधित बच्चों के भविष्य को लेकर क्या ठोस फैसला करता है।





