रिपोर्ट- सुनील कुमार
Hapur News: एक ओर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी ही फसल का भुगतान पाने के लिए किसानों को कड़ाके की ठंड में सड़क पर उतरना पड़ रहा है। हापुड़ जिले में आलू किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
किसानों का आरोप है कि कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित आलू कंपनी ‘उत्कल ट्यूबर्स’ ने उनसे करोड़ों रुपये का आलू खरीदा, लेकिन उसका पूरा भुगतान अब तक नहीं किया। विरोध के तौर पर किसान इस भीषण ठंड में निर्वस्त्र होकर धरना दे रहे हैं, जिससे प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

Hapur News: किसानों के अनुसार, कंपनी ने करीब 4 करोड़ रुपये मूल्य का आलू खरीदा था। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद कंपनी ने केवल आंशिक भुगतान किया, लेकिन अब भी किसानों का करोड़ों रुपये बकाया है। बार-बार आश्वासन के बावजूद भुगतान नहीं होने से किसान मजबूर होकर यह कदम उठा रहे हैं।
धरने पर बैठे किसान समरपाल सिंह ने बताया कि कंपनी ने किसानों को आलू की बुवाई के लिए प्रेरित किया और पूरी फसल लेकर चली गई, लेकिन पिछले 9 महीनों से किसान अपने पैसों के लिए अधिकारियों और कंपनी के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक केवल 5 से 10 प्रतिशत भुगतान ही मिला है।
समरपाल सिंह ने चेतावनी दी कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो किसान भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारी पूरी फसल कंपनी ले गई, हमारे पास अब कुछ भी नहीं बचा। जब तक पैसा नहीं मिलेगा, हम यहां से नहीं उठेंगे।”
वहीं, पीड़ित किसान नदीम अहमद ने भी कंपनी और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की मेहनत की कमाई दबाकर रखी जा रही है। किसानों के इस अनोखे और दर्दनाक विरोध ने एक बार फिर फसल भुगतान, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और किसानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




