Mohit Jain
Agra News: आगरा पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अलग-अलग मामलों में तीन संगठित गिरोहों के 32 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमों में 100 से अधिक पुलिसकर्मी लगाए गए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के तार दुबई सहित विदेशों तक जुड़े पाए गए हैं। यह गैंग बीते पाँच वर्षों में 300 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी कर चुका है।
एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल पर साइबर फ्रॉड और बैंक खातों के दुरुपयोग को लेकर देशभर से 500 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं। इन शिकायतों की गहन जांच के बाद यह कार्रवाई की गई।
एटीएम पर मदद के बहाने ठगी का खुलासा

जांच के दौरान एक शिकायतकर्ता ने बताया कि 15 जून 2025 को वह एटीएम से पैसे निकाल रहा था। तभी एक युवक ने उससे 3600 रुपये नकद लेकर ऑनलाइन भुगतान करने को कहा। मदद करने के बाद पीड़ित का बैंक खाता होल्ड हो गया। बैंक से जानकारी लेने पर पता चला कि उसके खाते में 36 हजार रुपये की साइबर फ्रॉड राशि आई थी।
जांच में किरावली निवासी ऋषि का नाम सामने आया, जिसके लिंक खाते से 54 शिकायतें जुड़ी मिलीं। इसके बाद पुलिस को नितिन भगौर नामक व्यक्ति के नेतृत्व में चल रहे संगठित साइबर गैंग का पता चला।
डिजिटल अरेस्ट से लेकर क्रिप्टो निवेश तक ठगी

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे
- डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर
- व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर फर्जी यूपीआई लिंक भेजकर
- गूगल विज्ञापन के जरिए
- क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर
लोगों से ठगी करते थे।
आरोपियों के पास से कई फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। गैंग का सरगना नितिन दुबई में बैठकर नेटवर्क संचालित कर रहा था। उसने अपने साथी रवि राठौर के साथ मिलकर मेडलर सर्विसेज ग्रुप नाम की फर्जी कंपनी बनाई थी, जिसके खातों में ठगी की रकम मंगाई जाती थी। गैंग के 9 आरोपी अभी फरार हैं।
लोन के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह भी पकड़ा
थाना शाहगंज पुलिस ने लोन के नाम पर ठगी करने वाले 6 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। ये आरोपी सोशल मीडिया पर मोबीक्विक लोन एप का प्रचार करते थे।
- 5 हजार रुपये फीस
- 50 हजार रुपये का तुरंत लोन
का झांसा देकर ओटीपी हासिल करते और वॉलेट से रकम निकाल लेते थे। यह गिरोह राजस्थान से ऑपरेट हो रहा था।
जनसेवा केंद्र संचालक भी गिरफ्तार
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। सिकंदरा क्षेत्र के पनवारी निवासी पवन, जो जनसेवा केंद्र संचालित करता था, को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार कई अन्य जनसेवा केंद्र संचालक रडार पर हैं।
पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश जारी है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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