Isa Ahmad
REPORT- KAPIL NAYAK
ललितपुर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के मड़ावरा ब्लॉक स्थित गौशाला से आई तस्वीरों ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। ठंड से कांपती गायें, गंदा और कीचड़ भरा पानी, चारे की भारी कमी और उचित देखभाल का अभाव—गौशाला की बदहाली साफ झलक रही है। हालात इतने भयावह हैं कि कई गायों की आंखों से आंसू बहते देखे गए, जिसने स्थानीय लोगों को दुख और गुस्सा दोनों से भर दिया।
गौशाला का गेट लंबे समय तक बंद, अंदर अराजक तत्वों की मौजूदगी
स्थानीय पत्रकारों और ग्रामीणों के मौके पर पहुंचने के बावजूद गौशाला का गेट काफी देर तक बंद रहा। जिला पंचायत सदस्य मनोज कुशवाहा ने विरोध जताया और काफी मशक्कत के बाद भीतर जाकर स्थिति का जायजा लिया। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब हालात इतने खराब थे, तो जिम्मेदार अधिकारी मौके पर क्यों नहीं पहुंचे?
चार घंटे बीत गए, अधिकारी नदारद
करीब चार घंटे तक इंतजार के बाद भी खंड विकास अधिकारी रमेश चंद्र यादव, SDM, और पशु चिकित्सा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। हैरानी की बात यह रही कि अंदर कुछ अराजक लोग मौजूद मिले, जबकि जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और पत्रकारों को अंदर जाने से रोका गया। यह रवैया प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
सीएम योगी द्वारा गोद लिया गया ब्लॉक, फिर भी बदहाल गौशाला
मड़ावरा ब्लॉक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वाकांक्षी ब्लॉक के रूप में गोद लिया है। ऐसे में गौशाला की यह भयावह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
उठ रहे हैं कई गंभीर सवाल
- क्या गौशाला के लिए जारी बजट का सही उपयोग हुआ?
- चारा, भूसा और पानी की आपूर्ति कौन देख रहा है?
- गार्ड ड्यूटी पर क्यों नहीं था?
- अंदर मौजूद अनरगल तत्वों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
- गायों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर किसकी निगरानी है?
गायों की यह हालत न सिर्फ सिस्टम की विफलता दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों पर ही चल रही हैं।
कोई आधिकारिक बयान नहीं
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि तत्काल कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।





