प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को बिहार के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी।
कैबिनेट ने बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर सेक्शन (82.40 किमी) के निर्माण को मंजूरी दी है।
- लंबाई: 82.40 किलोमीटर
- लागत: ₹4,447.38 करोड़
- निर्माण मोड: हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM)
- लेन: 4-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर
यह हाईवे मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, जमालपुर और मुंगेर जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भागलपुर से जोड़ेगा।
हाई-स्पीड यात्रा: समय बचेगा 1.5 घंटे तक
प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में टोल प्लाजा की सुविधा होगी और इसकी डिज़ाइन स्पीड 100 किमी/घंटा होगी।
- औसत गति: 80 किमी/घंटा
- यात्रा समय: लगभग 1.5 घंटे की बचत
- वाहनों को मिलेगा सुरक्षित, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ़ यात्रियों बल्कि मालवाहक ट्रांसपोर्ट को भी गति देगा।
उद्योग और विकास को नई दिशा
मुंगेर-जमालपुर-भागलपुर क्षेत्र बिहार का एक प्रमुख इंडस्ट्रियल हब बनता जा रहा है।
- मुंगेर: आईटीसी फूड प्रोसेसिंग यूनिट और प्रस्तावित ऑर्डिनेंस फैक्टरी
- जमालपुर: ऐतिहासिक लोकोमोटिव वर्कशॉप
- भागलपुर: भागलपुरी सिल्क और प्रस्तावित टेक्सटाइल इकोसिस्टम
- बड़हिया: फूड पैकेजिंग, एग्रो-वेयरहाउसिंग और प्रोसेसिंग हब
हाईवे बनने से इन इलाकों में लॉजिस्टिक्स, व्यापार और निवेश को नई गति मिलेगी।
रोजगार सृजन के अवसर
इस प्रोजेक्ट से सीधे और परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- प्रत्यक्ष रोजगार: लगभग 14.83 लाख मानव-दिवस
- अप्रत्यक्ष रोजगार: लगभग 18.46 लाख मानव-दिवस
- साथ ही कॉरिडोर के आसपास नए रोजगार और बिज़नेस के अवसर भी पैदा होंगे।
क्यों अहम है यह प्रोजेक्ट?
- बिहार में औद्योगिक विकास और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
- ट्रैफिक जाम और यात्रा समय में भारी कमी
- बेहतर लॉजिस्टिक्स से माल ढुलाई में तेजी
- ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
यह प्रोजेक्ट बिहार के लिए न सिर्फ़ एक हाईवे है बल्कि विकास और औद्योगिक क्रांति का मार्ग भी खोलता है।