छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पीड़िया के जंगल में शुक्रवार की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ में आठ नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। वहीं जंगल मे मौजूद कई बड़े नक्सलियों को जवानों ने घेर रखा है। अभी भी रुक-रुक कर दोनों तरफ से मुठभेड़ चल रही है। घटनास्थल से मारे गए नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए गए हैं। तीन जिलों के जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन पर हैं और 12 घंटे से लगातार मुठभेड़ जारी है। बड़े नक्सल लीडर्स की मौजूदगी के हिंट पर ऑपरेशन लॉन्च किया गया है। बस्तर आईजी और डीआईजी समेत जिले के एसपी ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं।
बता दें जवानों को गंगालूर थाना क्षेत्र के पीड़िया इलाके में नक्सलियों के टॉप हार्डकोर नक्सली कमांडर लिंगा, पापाराव समेत बड़े लीडर्स के जंगल में छिपी होने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद पड़ोसी जिले दंतेवाड़ा, सुकमा व बीजापुर से एसटीएफ, डीआरजी, सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन के 1200 जवानों ने साझा अभियान चलाया। जिसमें छह नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया।
30 अप्रैल को भी हुई मुठभेड़
इससे 10 दिन पहले 30 अप्रैल को नारायणपुर मुठभेड़ में बस्तर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी थी। नक्सलियों और जवानों के बीच करीब 9 घंटे चली मुठभेड़ के बाद जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल थे। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर 29 अप्रैल को जवान नारायणपुर और कांकेर जिले के बॉर्डर इलाके में सर्चिंग पर निकले हुए थे। रात भर सर्चिंग के बाद 30 अप्रैल की सुबह अबूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ़ के जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया था।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में मंगलवार सुबह डीआरजी और एसटीएफ के जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में नौ नक्सली मारे गए हैं। इनमें 3 महिला नक्सली शामिल हैं। इन सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। घटनास्थल से एक AK-47 समेत भारी मात्रा में हथियार मिले हैं।
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