BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इन दिनों संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद जारी है। इसी बीच भारतीय संविधान के प्रमुख सलाहकार सर बी. एन. राव (बेनेगल नरसिम्हा राव) की भूमिका को लेकर नया विमर्श खड़ा हो गया है। अब घोषणा की गई है कि बीएन राव की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ग्वालियर में स्थापित की जाएगी।
यह ऐलान शांभवी पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा पूरी तरह से शांभवी पीठ के निजी खर्च पर बनाई जाएगी, और यदि प्रशासन स्थान नहीं देता तो निजी ज़मीन खरीदकर यह कार्य पूरा किया जाएगा।
संविधान को लेकर नई बहस की शुरुआत
आईआईटीटीएम संस्थान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम “संविधान की व्याख्या एवं अवधारणा” में यह निर्णय लिया गया। इस आयोजन में प्रमुख भूमिका हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा और रक्षक मोर्चा के संयोजक सुनील पटेरिया ने निभाई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में स्वामी आनंद स्वरूप मौजूद थे।
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा,
“देश की जनता को यह जानना चाहिए कि संविधान सिर्फ एक व्यक्ति की देन नहीं, बल्कि कई विद्वानों की सामूहिक सोच का परिणाम है। बीएन राव ने इसकी नींव रखी, पर उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।“
बीएन राव को भारत रत्न देने की मांग
स्वामी आनंद स्वरूप ने केंद्र सरकार से बीएन राव को भारत रत्न देने की भी मांग की। उन्होंने दावा किया कि कार्यक्रम को रोकने की कोशिशें भी की गईं, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
रक्षक मोर्चा के संयोजक अखिलेश पांडे ने भी कहा:
“जब संविधान का निर्माण सामूहिक प्रयासों से हुआ, तो केवल एक व्यक्ति को ही ‘संविधान निर्माता’ कहे जाने की परंपरा गलत है।“
प्रशासन से जमीन नहीं मिली तो खरीदेंगे निजी भूमि
रक्षक मोर्चा और शांभवी पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर प्रशासन इस मूर्ति के लिए स्थान उपलब्ध नहीं कराता, तो जनसहयोग से भूमि खरीदी जाएगी और उसी पर बीएन राव की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उनका दावा है कि यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची होगी और ग्वालियर को एक नई पहचान देगी।
धर्मांतरण और प्रशासन की भूमिका पर निशाना
कार्यक्रम में उपस्थित संत हरिदास महाराज ने धर्मांतरण के मुद्दे को उठाया और आरोप लगाया कि धर्म के खिलाफ जो गतिविधियां हो रही हैं, उन्हें शासन की नीतियों से बल मिल रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे भविष्य में समाजिक तनाव और असंतुलन बढ़ सकता है।