BY: Yoganand Shrivastva
कराची: पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची इस समय दोहरी मुसीबत से गुजर रही है—बिजली की कटौती और पानी की किल्लत। शहर के अधिकांश इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है। कराची जल एवं सीवरेज निगम (KWS&C) ने इस स्थिति को लेकर चेतावनी जारी की है, जिसके अनुसार अगले कुछ घंटों में शहर को करीब 10 करोड़ गैलन पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
धाबेजी स्टेशन पर मरम्मत कार्य बना संकट की वजह
KWS&C के अनुसार, सोमवार सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक धाबेजी पंपिंग स्टेशन में जरूरी मरम्मत और रखरखाव का कार्य किया जाएगा। इस दौरान कई फीडरों की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद रहेगी। पंपों की बिजली गुल होने से शहर में जल आपूर्ति बाधित रहेगी।
पहले भी सामने आ चुकी है ऐसी स्थिति
यह कोई पहली बार नहीं है जब कराचीवासी इस तरह की परेशानी झेल रहे हैं। इससे पहले 29 जुलाई को भी ऐसी ही बिजली कटौती के चलते जल संकट उत्पन्न हो गया था। उस समय भी लगभग 8.5 करोड़ गैलन पानी की आपूर्ति बाधित हुई थी, जिससे शहर में पानी के लिए हाहाकार मच गया था।
पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है दिक्कत
कराची की जल आपूर्ति प्रणाली में सबसे बड़ी चुनौती उसका जर्जर हो चुका बुनियादी ढांचा है। जल वितरण की मुख्य पाइपलाइनें—जिनकी चौड़ाई 48 से 84 इंच के बीच है—1956 से 1971 के बीच बिछाई गई थीं। समय के साथ इन लाइनों में रिसाव और टूट-फूट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे जल वितरण बाधित होता है।
पाकिस्तान में पानी की समस्या क्यों बढ़ रही है?
जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या में वृद्धि और खराब प्रबंधन पाकिस्तान को जल संकट की ओर धकेल रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 1998 से 2004 के बीच आए लंबे सूखे ने करीब 30 लाख लोगों को प्रभावित किया था। वहीं, 2022 की विनाशकारी बाढ़ ने देश का एक-तिहाई हिस्सा जलमग्न कर दिया था। इस त्रासदी में 1,700 से अधिक लोगों की जान गई और 30 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ।