BY: Yoganand Shrivastva
साउथ सिनेमा के बहुमुखी कलाकार विजय एंटनी, जो अभिनेता, संगीतकार, निर्माता और लेखक के रूप में पहचान रखते हैं, इन दिनों अपनी फिल्म ‘मार्गन’ की ओटीटी रिलीज को लेकर सुर्खियों में हैं। हालांकि उनकी जिंदगी का एक पहलू ऐसा भी है जो उनके लाखों फैंस के दिल को छू गया है — एक ऐसा व्यक्तिगत दर्द जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
बेटी के निधन के बाद बदली ज़िंदगी
विजय एंटनी की बड़ी बेटी मीरा की मौत ने उनके जीवन को झकझोर दिया था। 19 सितंबर 2023 को, मीरा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जब घरेलू सहायिका ने उनके कमरे का दरवाजा खोला, तब मीरा का lifeless शरीर मिला। यह खबर परिवार, प्रशंसकों और पूरी इंडस्ट्री के लिए एक गहरा सदमा थी।
विजय और उनकी पत्नी फातिमा की दो बेटियां थीं — मीरा और लारा। मीरा की अचानक और दर्दनाक मौत के बाद, विजय ने अपनी जिंदगी में एक मौन संकल्प लिया — वह अब कभी चप्पल नहीं पहनेंगे। यह फैसला उन्होंने बेटी की याद में लिया, और तब से लेकर आज तक वह हमेशा नंगे पांव ही नजर आते हैं।
नंगे पांव चलने की पीछे की भावना
निर्देशक विजय मिल्टन, जो विजय एंटनी के बेहद करीबी माने जाते हैं, ने एक साक्षात्कार में बताया कि:
“मैं विजय को पिछले 20 सालों से जानता हूं। लेकिन पिछले दो सालों में हमारी नजदीकियां और भी बढ़ गईं क्योंकि मैंने उन्हें सबसे कठिन समय में देखा है। ‘पिचक्करन 2’ के शूट के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हुए थे, और कुछ ही समय बाद मीरा की मृत्यु हो गई। यह दोहरी चोट उनके लिए असहनीय थी।”
विजय मिल्टन ने यह भी बताया कि इस अपार दुख से उबरने के लिए विजय एंटनी ने खुद को काम में झोंक दिया, लेकिन चप्पल त्याग देना उनके दर्द का एक प्रतीक बन गया। उन्होंने खुद से यह वादा किया कि जब तक उनका दिल इस पीड़ा से उबर नहीं जाता, तब तक वे नंगे पांव ही रहेंगे।
मीरा से अब भी होता है संवाद
विजय एंटनी ने अपनी बेटी के निधन के कुछ दिन बाद इंस्टाग्राम पर एक बेहद भावुक पोस्ट साझा की थी। उन्होंने लिखा:
“मेरी बेटी मीरा एक बहादुर आत्मा थी। वह अब एक ऐसी जगह पर है जहां कोई जात-पात, धन, ईर्ष्या, या पीड़ा नहीं है। वह अब भी मुझसे बात करती है। मैं उसके साथ ही मर गया था। अब मैं उसके लिए जी रहा हूं, और उसकी याद में अच्छे काम करने की कोशिश करूंगा।”
इस संदेश ने फैंस की आंखें नम कर दी थीं और यह साफ दिखा दिया था कि विजय एंटनी की जिंदगी मीरा के जाने के बाद पूरी तरह बदल चुकी है।
काम के जरिए दुख से बाहर निकलने की कोशिश
मीरा की मौत के बाद, विजय की फिल्म ‘रोमियो’ रिलीज हुई थी। लोगों ने देखा कि कैसे विजय सेट पर तो सामान्य व्यवहार करते हैं, लेकिन हर मुस्कराहट के पीछे एक गहरी उदासी छिपी होती है। निर्देशक मिल्टन का कहना है कि:
“वह भले ही कैमरे के सामने मजबूत दिखते हैं, लेकिन उनका दिल आज भी टूट चुका है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि विजय अब फिल्मों का चयन भी सोच-समझकर कर रहे हैं, ताकि अपने काम के माध्यम से समाज में सकारात्मक संदेश दे सकें और मीरा की याद को जीवित रख सकें।
एक पिता की श्रद्धांजलि
चप्पल त्याग देना विजय एंटनी के लिए एक प्रतीक है — मीरा के प्रति श्रद्धा, जुड़ाव और जीवनभर के दर्द का प्रतीक। वह इसे एक तपस्या की तरह निभा रहे हैं। उनका यह संकल्प यह दर्शाता है कि किस तरह निजी क्षति किसी व्यक्ति के जीवन दर्शन को पूरी तरह बदल सकती है।