दुनिया भर से आने वाले दर्जनों उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ से अचानक पीछे हटते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीफ, कॉफी और कई उष्णकटिबंधीय फलों पर लगाया गया शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है। शुक्रवार को किए गए इस फैसले को ऐसे समय में लिया गया है, जब देश में बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने को लेकर ट्रंप प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा था।
क्यों बदला ट्रंप ने अपना रुख
राष्ट्रपति ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आयातित वस्तुओं पर ऊंचा शुल्क लगाने की नीति के कारण सुर्खियों में रहा। उनका तर्क था कि इससे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, हाल ही में हुए ऑफ-ईयर चुनावों में मतदाताओं ने आर्थिक समस्याओं को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया, जिसके परिणामस्वरूप वर्जीनिया, न्यू जर्सी सहित कई राज्यों में डेमोक्रेट्स को बढ़त मिली।
इन नतीजों के बाद ट्रंप का टैरिफ नीति से हटना बेहद अहम माना जा रहा है।
ट्रंप ने क्या कहा
फ्लोरिडा रवाना होते समय एयर फोर्स वन में बातचीत के दौरान ट्रंप ने स्वीकार किया कि कुछ खाद्य पदार्थों पर लगाई गई शुल्क दरों में कमी करनी पड़ी है। उपभोक्ता कीमतों में उनके टैरिफ से बढ़ोतरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि “कुछ मामलों में यह प्रभाव हो सकता है”, हालांकि उनका दावा था कि कुल असर अधिकतर देशों ने सहन किया है। इसके बावजूद अमेरिका में मुद्रास्फीति लगातार ऊंचे स्तर पर है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
विपक्ष का आरोप
डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप के इस फैसले को उनकी “विफल आर्थिक नीतियों की स्वीकारोक्ति” बताया।
वर्जीनिया के सांसद डोन बेयर ने कहा कि राष्ट्रपति आखिरकार मान गए हैं कि उनकी शुल्क नीति ने देश के नागरिकों का खर्च बढ़ाया है। डेमोक्रेट्स का कहना है कि चुनावों में ट्रंप को मिली हार भी इसी कारण थी, क्योंकि उन्होंने महंगाई नियंत्रित करने के अपने वादों को पूरा नहीं किया।
किन उत्पादों पर शुल्क हटाए गए
ट्रंप ने बीफ की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। ब्राजील जैसे बड़े निर्यातक देशों पर लगाए गए शुल्क भी कीमतें बढ़ाने में कारक बने थे। नए आदेश में राष्ट्रपति ने चाय, फल रस, मसाले, कोको, केले, संतरे, टमाटर और कुछ उर्वरकों पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया है। इनमें कई उत्पाद ऐसे हैं जो अमेरिका में पैदा ही नहीं होते, इसलिए इन पर लगाए गए शुल्क से घरेलू उद्योग को कोई लाभ नहीं था।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
अमेरिका के खाद्य उद्योग से जुड़े संगठनों ने इस कदम की सराहना की है। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि शुल्क कम करने से आपूर्ति बेहतर होगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
किन समझौतों के बाद हटे शुल्क
सूत्रों के अनुसार, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, अर्जेंटीना और एल सल्वाडोर के साथ हुए नए व्यापारिक समझौतों के बाद टैरिफ में ढील देने का रास्ता साफ हुआ। इसी सप्ताह राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि कॉफी जैसे उत्पादों पर शुल्क कम किए जा सकते हैं।
शुल्क से मिली राशि का उपयोग कैसे करेगा अमेरिका
ट्रंप ने कहा कि आयात शुल्क से सरकार को मिलने वाली राशि का उपयोग दो हजार डॉलर के प्रत्यक्ष भुगतान के लिए किया जाएगा, जो बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों को मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि राष्ट्रीय ऋण कम करने में भी उपयोग की जा सकती है। मुद्रास्फीति बढ़ने के जोखिम पर सवाल किए जाने पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह “कमाया हुआ पैसा” है, मुद्रित धन नहीं, और इससे केवल आम जनता को लाभ पहुंचेगा।





