बीजापुर। छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बीजापुर जिले में सक्रिय दो इनामी माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों माओवादी 1-1 लाख रुपये के इनामी थे और लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त थे।
आत्मसमर्पण की बड़ी वजह बनी सरकारी योजनाएं
जानकारी के अनुसार, नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रही विकास योजनाओं और सुरक्षा बलों की बढ़ती मौजूदगी से माओवादी अब मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में विकास कार्यों और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार ने माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
2025 में अब तक 48 माओवादियों ने छोड़ा नक्सलवाद
इस साल अब तक कुल 48 माओवादी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही, उन्हें सरकार की ओर से सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे वे एक सामान्य जीवन जी सकें।
पुलिस की कड़ी कार्रवाई जारी
बीजापुर डीएसपी शरद जायसवाल ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। साथ ही, सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं, जिससे और भी माओवादी आत्मसमर्पण करने को प्रेरित हो रहे हैं।
सरकार और सुरक्षा बलों की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के विकास में अपनी भूमिका निभाएंगे।