BY: Yoganand Shrivastava
नर्मदापुरम/सिवनी मालवा – जिले में किसानों की समस्याओं और अधिकारों को लेकर सोमवार को क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन ने एक विशाल ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया। यह रैली तवा कॉलोनी से शुरू होकर कृषि उपज मंडी बानापुरा तक निकाली गई, जिसमें सैकड़ों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ शामिल हुए। रैली के बाद किसानों ने कृषि उपज मंडी परिसर में सभा की और अपनी 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
रैली किसानों के अधिकार की लड़ाई: संगठन अध्यक्ष
क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लीलाधर राजपूत ने कहा कि यह रैली केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य और अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ती समस्याओं और सरकारी उदासीनता के कारण किसान बड़ी संख्या में इस आंदोलन का हिस्सा बने हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें
ज्ञापन में किसानों ने कुल 13 सूत्रीय मांगें रखी, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- सभी किसानों को फसल बीमा राशि का तत्काल भुगतान।
- यूरिया, डीएपी और अन्य खाद की पर्याप्त उपलब्धता – किसानों को लाइन में लगे बिना खाद मिले।
- सरकारी समर्थन मूल्य पर शीघ्र पंजीयन और खरीदी:
- सोयाबीन ₹6,000 प्रति क्विंटल
- मक्का ₹2,400 प्रति क्विंटल
- मोटी धान ₹3,100 प्रति क्विंटल
- एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए ताकि फसलें समर्थन मूल्य से नीचे न बिकें।
- बढ़ते किसान कर्ज को माफ किया जाए।
- भारत-अमेरिका के प्रस्तावित व्यापार समझौते को रद्द किया जाए, जिससे किसानों को नुकसान होगा।
- जायद मूंग बेच चुके किसानों का बकाया भुगतान ब्याज सहित तत्काल किया जाए।
- भूमि अधिग्रहण किसानों की सहमति के बिना न हो।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगतियों को दूर कर खेत इकाई आधारित सर्वे लागू किया जाए।
- आरबीसी धारा 6(4) के तहत फसल सर्वे कर मुआवजा दिया जाए।
- बेसहारा गोवंश की समस्या के लिए अधूरी गौशालाओं को पूरा कर अभयारण्य बनाया जाए।
- बिजली व्यवस्था सुधारी जाए – खराब पोल, ट्रांसफॉर्मर दुरुस्त हों, दिन में 12 घंटे थ्री-फेज बिजली उपलब्ध कराई जाए, नहरों की सफाई कर टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाया जाए।
- किसानों पर थोपे जा रहे स्मार्ट मीटर बंद कर पुराने मीटर ही चालू रखे जाएं।
आंदोलन का समापन
सभा के बाद किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर रैली का समापन किया। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि समय पर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।