ग्वालियर की जीवनरेखा माने जाने वाले तिघरा डैम का जलस्तर पहली बार जुलाई में इतना बढ़ गया है कि रविवार रात इसके तीन गेट (नंबर 3, 4 और 5) खोलने पड़े। डैम से लगभग चार हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, जिससे डाउन स्ट्रीम में बसे 20 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
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जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लगातार बढ़ रहा पानी
- तिघरा डैम का जलस्तर 738 फीट के पार पहुंच चुका है।
- जल संसाधन विभाग के मुताबिक, यह सामान्य सीमा 737 फीट है।
- जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए धीरे-धीरे पानी छोड़ा जा रहा है।
गांवों को पहले से सतर्क किया गया
पानी छोड़े जाने से पहले प्रशासन ने तिघरा डैम से सटे गांवों को अलर्ट कर दिया था:
- कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीमें और एसडीआरएफ सक्रिय हैं।
- पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी गांवों में जाकर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
- डैम पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
किन गांवों पर असर पड़ सकता है?
डैम से निकले पानी का असर ग्वालियर और मुरैना के निम्न इलाकों में देखा जा सकता है:
ग्वालियर जिले के गांव:
- तिघरा
- कैथा
- तालपुरा
- महिदपुर
- पृथ्वीपुर
- कुलैथ
- अगरा भटपुरा
- दुगनावली
- तिलघना
मुरैना जिले के गांव:
- पहाड़ी
- जखौदा
- बानमोर
डैम खोलते समय मौजूद रहे अधिकारी
- अधीक्षण यंत्री राजेश चतुर्वेदी और कार्यपालन यंत्री पंकज सेंगर सहित अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
- चार हजार क्यूसिक पानी का निष्कासन सुनियोजित तरीके से किया गया।
तिघरा डैम का ऐतिहासिक महत्व
- यह डैम 100 साल से भी पुराना है।
- मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की तकनीकी निगरानी में सिंधिया शासनकाल में बना।
- यह डैम ग्वालियर की मुख्य जलापूर्ति स्रोत है।
- सांक नदी पर बना यह मीठे पानी का जलाशय ग्वालियर शहर से लगभग 23 किमी दूर स्थित है।
मानसून ने दिखाई ताकत, जुलाई में पहली बार खुले गेट
- इस साल जून और जुलाई में मानसून ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में जमकर मेहरबानी दिखाई है।
- मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 से 48 घंटे में उत्तर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के सटे हिस्सों में और बारिश हो सकती है।
- जुलाई में ही तिघरा डैम के गेट खोलना बहुत दुर्लभ है, जो इस बार हुआ।
तिघरा डैम से पानी छोड़े जाने का सीधा असर ग्वालियर और मुरैना के कई गांवों पर पड़ सकता है। प्रशासन ने हालात को नियंत्रित रखने के लिए सभी सुरक्षा उपाय अपनाए हैं। लगातार बारिश और जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए, लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।