BY: Yoganand Shrivastva
जबलपुर, बरगी विधानसभा के ग्राम पारा में रविवार को खेतों में एक जंगली जानवर की मौजूदगी से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। खेतों में काम कर रहे किसान डर के मारे गांव की ओर भागे। ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने बाघ देखा, जबकि वन विभाग का कहना है कि यह संभवतः वयस्क तेंदुआ था।
रवि बर्मन ने देखा सबसे पहले
गांव के निवासी रवि बर्मन जब खेतों में खाद डालने जा रहे थे, तभी उनकी नजर झाड़ियों में बैठे एक बड़े वन्यप्राणी पर पड़ी। डर के मारे वे तुरंत वापस भागे और गांव पहुंचकर लोगों को जानकारी दी कि उन्होंने बाघ देखा है। देखते ही देखते पूरे गांव में डर का माहौल बन गया और सूचना पुलिस व वन विभाग तक पहुंची।
ग्रामीण बोले – बाघ के हैं पंजों के निशान
घटना की जानकारी मिलते ही बरगी पुलिस, वन विभाग की टीम और दर्जनों ग्रामीण खेतों की ओर रवाना हुए। वहां गीली मिट्टी पर बड़े आकार के पंजों के निशान मिले। ग्रामीणों का कहना है कि यह निशान बाघ के ही हैं। उनका तर्क है कि इतने बड़े पंजे केवल बाघ के हो सकते हैं।
वन विभाग ने जताई तेंदुआ होने की आशंका
हालांकि, बरगी वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर शिवेंद्र यादव ने साफ किया कि शुरुआती जांच में बाघ के होने की पुष्टि नहीं हुई है।
- पंजों के आकार और गहराई को देखते हुए यह संभवतः एक 3-4 साल का वयस्क तेंदुआ हो सकता है।
- उन्होंने बताया कि गांव के आसपास कई स्थानों पर पगमार्क मिले हैं, जिन्हें विभाग ने रिकॉर्ड कर लिया है।
गश्त और निगरानी तेज
घटना के बाद से गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस और वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने और जानवर दिखाई देने पर तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
वन विभाग का कहना – बाघ की मौजूदगी की संभावना नहीं
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बरगी क्षेत्र के इस हिस्से में पिछले कई वर्षों से न तो बाघ और न ही तेंदुए की मौजूदगी दर्ज की गई है।
- ऐसा संभव है कि सिवनी सीमा से भटककर कोई तेंदुआ इस इलाके तक आ गया हो।
- ग्राम पारा और आसपास के क्षेत्र में घना जंगल न होने के कारण, यहां बड़े शिकारी जानवरों का नियमित आवागमन असंभव माना जा रहा है।
ग्रामीणों में अभी भी भय का माहौल
हालांकि वन विभाग ने इसे तेंदुए का मूवमेंट बताया है, लेकिन ग्रामीण अब भी बाघ की मौजूदगी को लेकर आशंकित हैं। कई लोगों ने गांव की सीमा के पास बड़े पंजों के निशान देखने का दावा किया है। घटना के बाद से खेतों में काम करने वालों की संख्या में कमी देखी जा रही है।