Mohit Jain
Thailand: थाईलैंड और कंबोडिया सीमा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है। थाई सैनिकों द्वारा कंबोडिया क्षेत्र में स्थित भगवान विष्णु की एक विशाल मूर्ति को बुलडोजर से गिरा दिया गया। यह घटना 22 दिसंबर की बताई जा रही है, जिसका वीडियो अब सामने आया है।
कंबोडिया ने बताया अपने क्षेत्र में हुई कार्रवाई
कंबोडिया सरकार ने इस कार्रवाई पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह मूर्ति उसके क्षेत्र में स्थित थी और थाईलैंड ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे तोड़ा। कंबोडिया के प्रीह विहार प्रांत के सरकारी प्रवक्ता किम चानपनहा के अनुसार, यह मूर्ति वर्ष 2014 में सीमा से करीब 100 मीटर अंदर स्थापित की गई थी और इसकी ऊंचाई लगभग 30 फीट थी।

भारत ने जताई चिंता, धार्मिक प्रतीकों के सम्मान की अपील
भगवान विष्णु की मूर्ति तोड़े जाने की खबरों पर भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि धार्मिक प्रतीकों का अपमान दुनियाभर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। ऐसे कृत्य किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं और इससे बचा जाना चाहिए।
सीमा विवाद से जुड़ा है मामला
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच प्रीह विहार मंदिर क्षेत्र को लेकर पिछले छह महीनों से तनाव बना हुआ है। जून में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से संघर्षविराम हुआ। हालांकि दिसंबर में एक बार फिर तनाव बढ़ गया।
लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद करीब एक सदी पुराना है। इसका केंद्र प्रीह विहार और ता मुएन थॉम जैसे ऐतिहासिक मंदिर हैं। वर्ष 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने प्रीह विहार मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था, लेकिन आसपास की भूमि को लेकर विवाद अब भी जारी है।
संघर्ष में भारी जनहानि और विस्थापन
बीते महीनों में हुए संघर्षों में 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि करीब 10 लाख लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। सीमा पर लगातार सैन्य गश्त और दावों के कारण हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
यह घटना न केवल दो देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा रही है, बल्कि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत के सम्मान को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।





