BY: Yoganand Shrivastva
बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया जितनी दिखने में आकर्षक लगती है, उतनी ही कठिन होती है इसमें अपनी जगह बनाना, खासकर तब जब कोई फिल्मी बैकग्राउंड से न हो। लेकिन कुछ लोग अपने जुनून और मेहनत के दम पर इस सफर को न केवल पूरा करते हैं, बल्कि अपनी मिसाल भी छोड़ जाते हैं। ऐसा ही एक नाम है — इश्तियाक खान, जिन्होंने थिएटर की शुरुआत से लेकर बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों तक का सफर तय किया है।
जब NSD का छात्र बना ठेले वाला
इश्तियाक खान ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से अभिनय की पढ़ाई की, और उसके बाद एक एक्टिंग स्कूल में खुद छात्रों को थिएटर सिखाने लगे। लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया, जहां उन्हें गुजारे के लिए ऑमलेट का ठेला लगाना पड़ा।
एक इंटरव्यू में इश्तियाक ने बताया कि एक शाम जब वह ठेले पर अंडे बना रहे थे, तभी उनका एक पूर्व छात्र वहां आ गया। उन्हें उस रूप में देखकर छात्र हैरान रह गया और इश्तियाक खुद शर्म से भर गए। उन्होंने अगले दिन क्लास जाना भी बंद कर दिया। लेकिन कुछ दिन बाद वही छात्र अपने पिता को साथ लाया और गर्व से उन्हें अपना शिक्षक बताया। उसी पल इश्तियाक को अहसास हुआ कि मेहनत करने में कोई शर्म नहीं है, अगर काम ईमानदारी से किया जाए।
मुंबई में झेला संघर्ष और भेदभाव
NSD से निकलकर जब इश्तियाक मुंबई पहुंचे, तो उन्हें असल मायनों में संघर्ष का सामना करना पड़ा। न केवल काम की तलाश कठिन थी, बल्कि मजहब और जाति के आधार पर भेदभाव का भी सामना उन्हें करना पड़ा। उन्होंने बताया कि मुंबई में कई जगह उन्हें मुस्लिम या दलित होने की वजह से किराए पर मकान नहीं दिया गया।
इश्तियाक का कहना है कि उनके गृहनगर पन्ना (मध्यप्रदेश) में दोस्ती कभी जाति या धर्म से तय नहीं होती थी, लेकिन मुंबई ने उन्हें यह सिखाया कि यहां हालात अलग हैं। आर्थिक तंगी के दौरान उनके दोस्तों ने न केवल उन्हें सहारा दिया, बल्कि अपनी साइकिल, स्कूटर और चाय तक साझा की — बिना कोई एहसान जताए। यही रिश्ते और संघर्ष उन्हें इंसान के तौर पर मजबूत बनाते चले गए।
छोटे-छोटे किरदारों से बनाया बड़ा मुकाम
भले ही उन्होंने मुख्य भूमिका में अब तक बहुत कम काम किया हो, लेकिन हर किरदार में जान डालने की कला उन्हें बॉलीवुड में अलग पहचान देती है। इश्तियाक खान ने ‘तमाशा’ में रणबीर कपूर, ‘भारत’ में सलमान खान, ‘मैदान’ में अजय देवगन और ‘जॉली एलएलबी’ में अक्षय कुमार जैसे सितारों के साथ स्क्रीन शेयर की है।
उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं:
- तमाशा
- भारत
- तीस मार खां
- फुकरे रिटर्न्स
- लूडो
- जनहित में जारी
- खुदा हाफिज चैप्टर 2
- मैदान
- जॉली एलएलबी
आज एक नई पहचान
इश्तियाक खान की ज़िंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। आज वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन चुके हैं — उन लाखों युवाओं के लिए जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर आते हैं। उनका मानना है कि संघर्षों से भागने की बजाय उनसे लड़ना ही असली जीत है, और मेहनत करने वाला कभी हारता नहीं।
आज इश्तियाक बॉलीवुड में खुद को स्थापित कर चुके हैं और अपने परिवार को बेहतर जीवन दे रहे हैं। उनके संघर्ष की कहानी इस बात की गवाही देती है कि किसी भी मंजिल तक पहुंचने के लिए जुनून, आत्मविश्वास और सच्ची मेहनत सबसे बड़ा हथियार होते हैं।