चंडीगढ़: पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में डीजीपी, कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में नशे के नेटवर्क को तोड़ने और इसे जड़ से खत्म करने के लिए रणनीति तैयार की गई।
नशा तस्करों की सप्लाई चेन पर कसेगा शिकंजा
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि नशे के हॉटस्पॉट्स की पहचान कर उनकी सप्लाई चेन को तोड़ा जाए। उन्होंने डीजीपी को आदेश दिया कि जिला स्तर पर पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी मिलकर समन्वय के साथ कार्रवाई करें।
अवैध संपत्तियों पर होगी कार्रवाई
सीएम भगवंत मान ने कहा कि नशे की तस्करी में संलिप्त लोगों की अवैध संपत्तियों को जब्त कर नष्ट किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि नशे के खिलाफ अभियान को जन आंदोलन का रूप दिया जाए और जिला स्तर पर इसे युद्धस्तर पर चलाया जाए।
पांच सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति गठित
पंजाब सरकार ने नशे की समस्या से निपटने के लिए एक पांच सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री हरपाल चीमा कर रहे हैं। इस समिति में मंत्री अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, लालजीत सिंह भुल्लर और तरनप्रीत सिंह सोंद भी शामिल हैं। यह समिति पुलिस और स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से इस गंभीर समस्या का समाधान निकालने पर काम करेगी।
मादक पदार्थ तस्करों पर कड़ी कार्रवाई
हाल ही में अमृतसर पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में चार नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 5 किलोग्राम से अधिक हेरोइन बरामद की। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमृतसर के गुरजंट सिंह उर्फ कालू, जगजीत सिंह, तरनतारन के साहिल कुमार उर्फ साहिल और फिरोजपुर के रिंकू के रूप में हुई है। जांच में सामने आया कि ये तस्कर पाकिस्तान में सक्रिय नशा तस्करों के संपर्क में थे।
पंजाब सरकार अब इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए ठोस नीति तैयार कर रही है, जिसमें मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने और पीड़ितों के पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे।
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