हरियाणा सरकार ने संकेत दिए हैं कि शंभू बॉर्डर पर लगाई गई नाकेबंदी को जल्द ही हटाया जाएगा, लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब पंजाब की तरफ हालात पूरी तरह शांत और सुरक्षित हो जाएं। मंगलवार को अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंजाब की तरफ से बैरिकेड्स और प्रदर्शनकारियों को हटाने का काम शुरू हो चुका है, और हरियाणा भी इसी दिशा में कदम बढ़ाएगा।
पुलिस की तैनाती अभी भी बरकरार
हालांकि, हरियाणा की तरफ से पुलिस बल की तैनाती अभी भी बरकरार है। मंगलवार की रात को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अंबाला पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। वहाँ इस समय शंभू बॉर्डर पर छह कंपनियों की तैनाती की गई है।
केंद्रीय मंत्री की अपील
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि दोनों जगहों से धरने हटा दिए गए हैं और उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हाइवे पर लगे बैरिकेड्स हटाने की अपील की है। बिट्टू ने कहा, “उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हरियाणा की तरफ से भी जल्द ऑपरेशन शुरू होगा। सभी बैरिकेड्स हटाने और सड़क को आम जनता के लिए खोलने में कम से कम तीन दिन का समय लगेगा।”
नाकेबंदी की पृष्ठभूमि
पिछले साल मार्च में हरियाणा सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा के दिल्ली कूच को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कई लेयर के बैरिकेड्स लगा दिए थे। इन बैरिकेड्स में कंक्रीट के ब्लॉक्स, लोहे की कीलें, और शिपिंग कंटेनर्स शामिल थे। इसके अलावा, हाइवे पर बड़े कंक्रीट की दीवारें और खाइयाँ भी बनाई गई थीं, ताकि किसानों की दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिशों को रोका जा सके।
आम जनता की परेशानी
इन नाकेबंदियों और धरनों की वजह से पंजाब और हरियाणा के बीच यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे आम लोग और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। हरियाणा पुलिस का कहना था कि ये सभी इंतज़ाम प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए किए गए थे। इस कारण कई यात्रियों को लंबा रास्ता लेना पड़ता था और स्थानीय दुकानदारों व ट्रांसपोर्टरों का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ।
नाकेबंदी हटाने की प्रक्रिया
अधिकारियों के मुताबिक, नाकेबंदी को हटाना एक धीमी प्रक्रिया होगी। इतने बड़े पैमाने पर किए गए इन्तज़ामों को हटाने और यातायात को सामान्य करने में कुछ दिन लग सकते हैं।
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