BY: Yoganand Shrivastva
कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुके इस संघर्ष में अब तक की सबसे भीषण हवाई तबाही देखने को मिली है। बीते शनिवार और रविवार की दरमियानी रात रूस ने यूक्रेन पर ऐसा हमला बोला जिसने पूरे देश को दहला दिया। यूक्रेन की राजधानी कीव समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आग, धमाके और तबाही का मंजर छा गया।
477 ड्रोन और 60 मिसाइलों का अटैक – यूक्रेन की वायुसेना का दावा
यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने इस भीषण हमले में 477 ड्रोन और 60 मिसाइलें दागीं।
हालांकि, वायुसेना ने दावा किया कि इनमें से 249 ड्रोन को मार गिराया गया, जबकि 226 ड्रोन व मिसाइलों को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से निष्क्रिय कर दिया गया। वायुसेना प्रवक्ता यूरी इहनात ने इसे यूक्रेन पर अब तक का “सबसे बड़ा हवाई हमला” बताया। उन्होंने कहा कि रूस ने इस ऑपरेशन में कई प्रकार की मिसाइलें और शहीद ड्रोन का इस्तेमाल किया।
पहली बार पश्चिमी यूक्रेन बना निशाना
अब तक रूस के हमले पूर्वी यूक्रेन तक सीमित रहे थे, लेकिन इस बार की हमलावर नीति ने पश्चिमी क्षेत्रों को भी नहीं बख्शा। सेना के अनुसार, हमले का मकसद सिर्फ अग्रिम मोर्चों पर असर डालना नहीं था, बल्कि देश भर में भय और अस्थिरता फैलाना भी लक्ष्य था। इस हमले ने यह साफ कर दिया है कि अब रूस की रणनीति यूक्रेन के पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर को कमजोर करने की है।
पोलैंड की वायुसेना भी हाई अलर्ट पर
इस हमले की गूंज अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंच गई। पोलैंड ने अपने और सहयोगी देशों के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जेट विमानों को तैनात कर दिया है। यह कार्रवाई नाटो की सतर्कता को दर्शाती है कि रूस की आक्रामकता कहीं और न फैल जाए।
खेरसॉन में एक की मौत, चेर्कासी में छह घायल
हमले में खेरसॉन क्षेत्र में एक नागरिक की मौत की पुष्टि हुई है, वहीं चेर्कासी में एक बच्चे समेत 6 लोग घायल हुए हैं। कई स्थानों पर बिजली सप्लाई ठप हो गई और घरों को नुकसान पहुंचा है।
पुतिन के शांति संकेतों पर फिर उठा सवाल
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में संकेत दिया था कि रूस इस्तांबुल में शांति वार्ता के नए दौर के लिए तैयार है। लेकिन इस भीषण हमले के बाद यह बयान कई सवालों के घेरे में आ गया है। क्या यह हमला वार्ता की रणनीति का हिस्सा था या फिर एक और धोखा?