BY: Yoganand Shrivastva
उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी के चलते चारधाम यात्रा को एहतियातन अगले 24 घंटों के लिए रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने 29 जून से 1 जुलाई तक के लिए कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इनमें देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे संवेदनशील इलाके शामिल हैं।
भारी बारिश का खतरा और प्रशासन की सतर्कता
मौसम विभाग का कहना है कि एक जुलाई तक कुछ इलाकों में अत्यधिक वर्षा हो सकती है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रास्तों के बंद होने और श्रद्धालुओं के फंसने की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
चारधाम यात्रा पर अस्थायी विराम
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में उन्हें रोका गया है। हालात सामान्य होने पर यात्रा दोबारा शुरू की जा सकती है, लेकिन फिलहाल अगले तीन दिनों तक मौसम खराब रहने के संकेत हैं।
उत्तरकाशी में बादल फटा, 9 मजदूर लापता
भारी बारिश के बीच उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना सामने आई है। इस दौरान सड़क निर्माण कार्य में लगे 8 से 9 नेपाली मजदूर लापता हो गए। बड़कोट थाना प्रभारी दीपक कठेत के मुताबिक, मजदूर तंबुओं में रह रहे थे, जिन्हें तेज सैलाब बहा ले गया। मौके पर NDRF, SDRF और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
सड़कें ठप, यमुना नदी उफान पर
बादल फटने के चलते सिलाई बैंड सहित यमुनोत्री राजमार्ग कई स्थानों पर बंद हो गया है। ओजरी के पास सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है, जिससे कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल भी संकट में आ गया है।
कृषि भूमि को नुकसान, राहत कार्य जारी
कुथनौर और उसके आसपास के इलाकों में अतिवृष्टि और मलबे के चलते खेतों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, कहीं भी जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने साफ किया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और सभी जरूरी संसाधन मौके पर पहुंचाए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम सामान्य होने तक यात्रा पर न निकलें और स्थानीय प्रशासन व मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राहत दल सक्रिय हैं और सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।