भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की 51वीं बैठक सम्पन्न हो गई है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दो दिवसीय बैठक के नतीजों का एलान करते हुए बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने फैसले में कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने बहुमत से रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। यह फैसला 5-1 के बहुमत से लिया गया है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक GDP में 6.7% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक तनाव के चलते महंगाई का सबसे बड़ा जोखिम बना हुआ है। जुलाई और अगस्त में कोर इंफ्लेन में बढ़ोत्तरी हुई है और बेस इफेक्ट के चलते खुदरा महंगाई दर में तेज उछाल आने की संभावना है।
बताते चलें ये लगातार 10वीं बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इसका सीधा संबंध आम आदमी से है। इससे आपके लोन की ईएमआई न बढ़ेगी न घटेगी। इस पर रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है तो वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर और बैंक रेट 6.75% पर स्थिर है।
केंद्रीय रिजर्व बैंक की MPC बैठक हर दो महीने में आयोजित की जाती है। जिसमें गवर्नर समेत 6 सदस्य महंगाई, रेपो रेट जैसे मुद्दों के बदलावों पर बात करते हैं। बता दें रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को पैसा उधार देती है। ऐसे में इसका सीधा असर आम आदमी के लोन से होता है। जब भी रेपो रेट बढ़ता है तो लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है और जब घटता है तो लोन की ईएमआई भी कम हो जाती है।