BY: MOHIT JAIN
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर 2025 में भारत का दौरा कर सकते हैं। क्रेमलिन ने उनकी यात्रा की पुष्टि की है, और सूत्रों के मुताबिक 5-6 दिसंबर की तारीख लगभग तय है। इस दौरे के दौरान पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
यात्रा की तैयारियां जारी हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन भारत में एक या दो दिन रहेंगे। यात्रा से पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत आएंगे और यात्रा की विस्तृत योजना को अंतिम रूप देंगे।
वार्षिक शिखर वार्ता में क्या होगा चर्चा का केंद्र
सूत्रों के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत-रूस के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है।
मुख्य बिंदु हो सकते हैं:
- रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के तहत सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर चर्चा।
- व्यापार एवं ऊर्जा: दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और कच्चे तेल की खरीद पर विचार-विमर्श।
- यूक्रेन संकट: वैश्विक शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण से दोनों नेता इस संघर्ष पर भी बातचीत कर सकते हैं।
भारत-रूस के संबंधों का इतिहास
भारत और रूस के बीच अब तक 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए थे।
सूत्र बताते हैं कि भारत एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के अतिरिक्त बैच खरीदने पर भी विचार कर सकता है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ये मिसाइलें महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं।
हाल ही में पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात
एक महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे।
दोनों नेताओं ने अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया। इस समय अमेरिकी शुल्क वृद्धि के बीच भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद को राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता के आधार पर जारी रखा।
पुतिन का यह दौरा भारत और रूस के बीच स्ट्रेटेजिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर है। रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा के अलावा, वैश्विक मुद्दों जैसे यूक्रेन संघर्ष पर भी दोनों नेता बातचीत कर सकते हैं।